डीएम ने खुद दवा खाकर किया फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का शुभारंभ, 28.81 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य
गोंडा अमृत विचार : जिले में सोमवार को गांधी इंटर कॉलेज से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (MDA) की शुरुआत हुई। जिलाधिकारी प्रियंका रंजन ने खुद दवा खाकर अभियान का शुभारंभ किया और लोगों से अपील की कि जब स्वास्थ्य कार्यकर्ता दवा लेकर घर आएं, तो दवा अवश्य लें और अपने परिवार को भी प्रेरित करें। स्वास्थ्य विभाग ने जिले के 28.81 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा है। अभियान 28 अगस्त तक जिले के 12 ब्लॉकों में चलेगा।
फाइलेरिया से बचाव के लिए घर-घर पहुंचेगी दवा : जिलाधिकारी ने बताया कि यह दवा मरीजों के इलाज के लिए नहीं, बल्कि स्वस्थ लोगों को इस लाइलाज बीमारी से बचाने के लिए दी जाएगी। जिले में फिलहाल 2169 फाइलेरिया मरीज हैं, जिनमें 2015 हाथीपांव और 154 हाइड्रोसिल के मामले हैं। हाथीपांव का कोई इलाज नहीं है, जबकि हाइड्रोसिल का ऑपरेशन संभव है। सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने बताया कि दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। कुछ लोगों को हल्का बुखार, सिरदर्द या शरीर दर्द हो सकता है, जो पहले से मौजूद फाइलेरिया कृमियों के नष्ट होने की सामान्य प्रतिक्रिया है।
2305 टीमें घर-घर पहुंचाएंगी दवा : जिले के 12 ब्लॉकों में 2305 प्रशिक्षित टीमें माइक्रो प्लान के अनुसार घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाएंगी। मनकापुर, रूपईडीह, तरबगंज और वजीरगंज ब्लॉक में संक्रमण नियंत्रण में होने के कारण अभियान वहां नहीं चलेगा। निगरानी के लिए 385 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। वीबीडी नोडल अधिकारी डॉ. सीके वर्मा के अनुसार, माइक्रो प्लानिंग के तहत हर घर तक पहुंचने की रणनीति बनाई गई है ताकि कोई भी दवा सेवन से वंचित न रहे। आशा कार्यकर्ताओं को सर्वे, हाउस मार्किंग, दवा सेवन और डेटा फीडिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। सीएचओ के नेतृत्व में गठित पीएसपी सदस्य झिझक वाले परिवारों से संवाद कर उन्हें दवा लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
इन सावधानियों का रखें ध्यान : सीएमओ ने स्पष्ट किया कि दवा खाली पेट नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमार मरीज और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दवा नहीं खिलाई जाएगी। इसके लिए सभी टीमों को निर्देशित किया गया है।
फाइलेरिया से बचाव का एकमात्र उपाय : फाइलेरिया एक मच्छरजनित रोग है, जो शरीर के अंगों में सूजन और विकृति पैदा करता है। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, इसलिए बचाव ही इसका सबसे कारगर उपाय है। एमडीए अभियान के तहत सामूहिक दवा सेवन से फाइलेरिया संक्रमण को रोका जा सकता है।
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