वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को रफ्तार देगी नई औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति, कैबिनेट की मंजूरी के बाद नीति का विस्तृत ड्राफ्ट हुआ जारी

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचार। नई औद्योगिक आस्थान प्रबंधन नीति अब वर्ष 2027 तक वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को रफ्तार दे सकेगी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य सरकार की ओर से नीति का विस्तृत ड्राफ्ट जारी किया गया है। इसके तहत लीज व ई-ऑक्शन के माध्यम से औद्योगिक भूखंडों का आवंटन होगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए क्षेत्रवार आरक्षित कीमत तय होगी। कुल भूखंड-शेड का 10 प्रतिशत एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होगा।

नई नीति के तहत औद्योगिक आस्थानों में उपलब्ध भूमि, शेड और भूखंडों का आवंटन लीज-रेंट पर नीलामी या ई-ऑक्शन के जरिए किया जाएगा। लीज-रेंट की अवधि आयुक्त एवं निदेशक उद्योग के जरिये तय की जाएगी। नीलामी पोर्टल का चयन भी आयुक्त एवं निदेशक के अधिकार क्षेत्र में होगा। इसके माध्यम से 20 प्रतिशत तक क्षेत्र का उपयोग व्यवसायिक, सेवा व आवासीय कार्यों के लिए किया जा सकेगा।

क्षेत्रवार रिजर्व प्राइस तय

प्रदेश की भौगोलिक विविधता को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए औद्योगिक भूखंडों की रिजर्व प्राइस तय की गई है। इसके अंतर्गत मध्यांचल में 2,500 प्रति वर्ग मीटर, पश्चिमांचल में 20 प्रतिशत अधिक 3,000 प्रति वर्ग मीटर, बुंदेलखंड व पूर्वांचल में 20 प्रतिशत कम 2,000 प्रति वर्ग मीटर प्राइस निर्धारित किया गया है। इन दरों में हर साल 1 अप्रैल को 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि होगी। अगर किसी औद्योगिक आस्थान में एंकर इकाई स्थापित होने से एमएसएमई इकाइयों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है, तो शासन विशेष दर पर भूखंड आवंटन का निर्णय ले सकेगा।

भुगतान की लचीली व्यवस्था

ई-ऑक्शन में सफल बोलीदाता को आरक्षित मूल्य का 10 प्रतिशत अर्नेस्ट मनी देना होगा। उद्यमी शेष राशि एकमुश्त एक वर्ष या तीन वर्ष में चुका सकेंगे। तत्काल भुगतान पर उन्हें 2 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसी तरह किस्त योजना में 12 या 36 समान मासिक किस्तें देय होंगी, जबकि विलंब पर दंड के रूप में अतिरिक्त ब्याज लगाया जाएगा।

10 प्रतिशत एससी-एसटी को आरक्षण

नीति के तहत आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है। कुल भूखंड-शेड का 10 प्रतिशत एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होगा। अगर कोई योग्य आवेदक न मिले, तो भूखंड अन्य वर्ग को दिया जा सकेगा ताकि विकास में रुकावट न आए।

यह भी पढ़ेंः UP Monsoon Session: विपक्ष के हंगामे में बीच छह विधेयक बगैर चर्चा पास, जानें किस पर लगी मुहर

संबंधित समाचार