नोएडा क्रिकेट स्टेडियम अनुबंध रद्द : हाईकोर्ट ने पेफी की याचिका खारिज की
15 साल का अनुबंध 9 साल पहले ही खत्म
चार साल तक बुनियादी सुविधाएं बनाए रखने में नाकाम रहा प्रबंधन, हाईकोर्ट ने कहा, अनुबंध विवाद समाधान का रास्ता मौजूद
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) की याचिका खारिज करते हुए साफ कहा कि संस्था चार वर्षों तक स्वच्छता, शौचालय और बैठने जैसी बुनियादी सुविधाओं को बनाए रखने में विफल रही।
न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि अनुबंध में विवाद समाधान का प्रावधान मौजूद है, इसलिए मामला संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत विचारणीय नहीं है। गौरतलब है कि नोएडा क्रिकेट स्टेडियम प्रबंधन का 15 साल का अनुबंध 24 सितंबर 2021 को हुआ था, जो 2036 तक वैध था, लेकिन जुलाई 2024 में लापरवाही पर नोटिस जारी हुआ और अक्टूबर 2024 में अनुबंध रद्द कर दिया गया। पुनर्विचार के बाद भी मई 2025 में प्राधिकरण ने अनुबंध समाप्ति को बरकरार रखा। कोर्ट ने याची को अनुबंध की धारा 5.4 के तहत मध्यस्थ के समक्ष दावा उठाने की अनुमति दी है और यह भी कहा कि इस आदेश की टिप्पणियां वहां प्रभावी नहीं होंगी।
मुख्य बिंदु
- हाईकोर्ट ने पेफी की याचिका खारिज की
- प्रबंधन बुनियादी सुविधाओं को बनाए रखने में नाकाम
- 15 साल का अनुबंध 2021 से 2036 तक वैध था
- नोटिस (जुलाई 2024) के बाद अक्टूबर 2024 में अनुबंध रद्द
- मई 2025 में अनुबंध समाप्ति की पुष्टि
- कोर्ट ने अनुबंध की धारा 5.4 के तहत मध्यस्थ के पास जाने की छूट दी
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