रंगदारी मामले में अखिलेश दुबे और लवी 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर, कोर्ट ने दिए यह आदेश
कानपुर, अमृत विचार : भाजपा नेता से 50 लाख और अधिवक्ता से 10 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में अधिवक्ता अखिलेश दुबे और आयुष मिश्रा उर्फ लवी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मंगलवार को दोनों को कड़ी सुरक्षा में सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड मंजूर कर उन्हें जेल भेज दिया। सुनवाई के दौरान अखिलेश दुबे ने जेल में दवाएं न मिलने की शिकायत करते हुए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। इस पर अदालत ने जेल अधीक्षक को आवश्यक इलाज और दवाओं की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए।
बढ़ी धाराओं में फंसे : भाजपा नेता रवि सतीजा को झूठे दुष्कर्म के मामले में फंसाकर 50 लाख रंगदारी मांगने में अखिलेश दुबे, लवी मिश्रा और शैलेंद्र उर्फ टोनू यादव को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जांच में नए तथ्य सामने आने पर नौबस्ता थाना प्रभारी शरद तिलारा ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर बढ़ी हुई धाराओं में न्यायिक अभिरक्षा बढ़ाने की मांग की थी।
नई धाराओं में मौत या उम्रकैद की सजा का डर दिखाकर रंगदारी वसूलना और आपराधिक षड्यंत्र रचना शामिल है। वहीं अधिवक्ता से फर्जी दुष्कर्म केस दर्ज कर 10 लाख रुपये वसूली के प्रयास का मामला भी सामने आया। इस संबंध में कोतवाली थाने में अखिलेश दुबे और उनके साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है।
कॉल डिटेल्स बने सबूत : पुलिस की ओर से कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि अखिलेश और लवी ने भाजपा नेता को कई बार फोन कर धमकी दी और रंगदारी मांगी। उनकी कॉल डिटेल्स भी पुलिस के हाथ लगी हैं। साथ ही आरोपी टोनू यादव की बातचीत महिला और अन्य आरोपियों से हुई, जिसके साक्ष्य भी जांच में मिले।
कोर्ट का फैसला : सुनवाई के बाद सीजेएम सूरज मिश्रा ने अखिलेश दुबे और लवी मिश्रा की 14 दिन की न्यायिक रिमांड मंजूर कर जेल भेजने का आदेश दिया।
यह भी पढ़ें:-एआई और इंजीनियरिंग से बदलेगा इलाज का तरीका, डॉक्टरों ने खोजी नई राह”
