बारिश से थमा पनकी पावर प्लांट, लाइटअप के बाद फिर गूंजने लगी टर्बाइन : 350 मेगावाट बिजली उत्पादन शुरू
कानपुर, अमृत विचार : बरसात ने जहां शहरवासियों को राहत दी, वहीं बिजली उत्पादन में बड़ी बाधा भी खड़ी कर दी। पनकी पावर प्लांट, जिसका भव्य उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 मई को किया था, बरसात के चलते ठप पड़ गया था। बारिश से मशीनों को नुकसान न हो, इसके मद्देनज़र अधिकारियों ने एहतियातन उत्पादन रोक दिया था। लेकिन अब मौसम खुलने के साथ ही रविवार से लाइटअप प्रक्रिया पूरी कर 350 मेगावाट बिजली का उत्पादन फिर से शुरू हो गया है।
उद्घाटन के बाद मिला 666 मेगावाट का रिकॉर्ड : पनकी पावर प्लांट 6,700 करोड़ की लागत से बना है। 21 फरवरी को ट्रायल के दौरान 660 मेगावाट उत्पादन शुरू किया गया। खास बात यह रही कि 72 घंटे के बजाय 87 घंटे तक चले ट्रायल में 666 मेगावाट का औसत भार हासिल किया गया और 580 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ। रिपोर्ट राज्य और केंद्र को भेजने के बाद 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था।
बरसात बनी बड़ी बाधा : जून में प्लांट अपनी पूरी क्षमता से चल रहा था। लेकिन जैसे ही बरसात का मौसम शुरू हुआ, भारी बारिश से मशीनरी को नुकसान का खतरा बढ़ गया। इंजीनियरों और अधिकारियों ने जोखिम न उठाते हुए उत्पादन रोक दिया। अब बारिश थमने और मौसम सामान्य होने के बाद रविवार से लाइटअप किया गया और बिजली उत्पादन की प्रक्रिया फिर शुरू हुई।
सुपर क्रिटिकल तकनीक से होगा फायदा : मुख्य महाप्रबंधक विजय बहादुर ने बताया कि पनकी पावर प्लांट में सुपर क्रिटिकल तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। यह तकनीक पुरानी सबक्रिटिकल तकनीक से ज्यादा सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल है। इसमें कम ईंधन की खपत होती है, ग्रीनहाउस गैस और राख का उत्सर्जन बेहद कम होता है। साथ ही नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्वों को खत्म करने के लिए ACR और FGD सिस्टम लगाए गए हैं।
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