प्राकृतिक खेती मिशन में लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई, कृषिमंत्री ने मिशन की समीक्षा कर दिए निर्देश
लखनऊ, अमृत विचार। राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती मिशन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिये कि योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए, नियमित निरीक्षण किया जाए। निर्देश है कि लापरवाही पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष संख्या-48 में राष्ट्रीय कृषि मंत्री ने मिशन की समीक्षा करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उर्वरता और जल संरक्षण सुनिश्चित होगा तथा किसानों को जैविक उत्पादों की बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त होगी। उन्होंने कृषकों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण और संसाधन केंद्रों का लाभ उठाकर प्राकृतिक खेती की तकनीकों को अपने खेतों में लागू करें।
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण का सशक्त माध्यम है, इसे मिशन मोड में आगे बढ़ाया जाए। इस बैठक के तुरंत बाद कृषि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की निर्माण परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में टीश्यू कल्चर लैब, ऑडिटोरियम, इनक्यूबेशन सेंटर, ऑर्गेनिक लैब तथा अन्य निर्माण प्रस्तावों की प्रगति पर चर्चा की गई।
कृषि मंत्री ने यह भी हिदायत दी कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण तक सीमित न रहकर रिसर्च आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने होंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कृषि विश्वविद्यालय को अपना आगामी वर्षों का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार करना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि वे आने वाले समय में किस दिशा में अनुसंधान करेंगे और उसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को कैसे मिलेगा।
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