मनोज जरांगे की बड़ी जीत : फडणवीस सरकार मराठा आरक्षण देने पर राजी, कुनबी प्रमाण पत्र के लिए गठित होगी कमेटी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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मुंबई। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में प्रदर्शन कर रहे मनोज जरांगे और अन्य लोगों की बड़ी जीत हुई है। इस क्रम में देवेंद्र फडणवीस की अगुआई वाली महायुति सरकार ने ‘हैदराबाद गजट’ जारी कर दिया है। इस गजट के जरिए मराठा समाज के लोगों को ‘कुनबी’ जाति का दर्ज प्राप्त होगा। कुनबी जाति को पहले ही प्रदेश में ओबीसी में शामिल हैं। राज्य सरकार के इस फैसले से मराठाओं को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार की इस पहल से न केवल मराठा समाज के लिए कई अवसरों के रास्ते खोलेगी बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा भी मजबूत होगी।

जरांगे ने आमरण अनशन खत्म कर आंदोलन समाप्ति की घोषणा की

फडणवीस सरकार की ओर से गजट जारी करने के पहले मनोज जरांगे ने आमरण अनशन खत्म करने को लेकर कुछ शर्तें रखीं थीं। इसमें मराठा समाज को कुनबी जाति में शामिल करने की मांग सबसे प्रमुख था। अब सरकार की ओर से गजट जारी कर दिया गया है। जरांगे ने आमरण अनशन को खत्म कर आंदोलन की समाप्ति की घोषणा की है। इसके पूर्व बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बुधवार सुबह तक जरांगे को आजाद मैदान खाली करने की सख्त चेतावनी दी थी।

मराठा आरक्षण की जंग : मनोज जरांगे का लंबा संघर्ष

वैसे देखा जाए तो मराठा आरक्षण को लेकर फडणवीस सरकार ने जो हामी भरी है, उसके लिए मनोज जरांगे ने महीनों आंदोलन किए हैं। आरक्षण का रास्ता इतना आसान भी नहीं था। जरांगे ने 2021 में मराठा आरक्षण को लेकर पिंपलगांव में 90 दिनों तक आंदोलन किया था।

फिर 2023 में अगस्त के माह में जालना में जरांगे ने आरक्षण की मांग को लेकर बड़े स्तर का आंदोलन किया था। उन्होंने कई दिनों तक आमरण अनशन किया और पुलिस की काररवाई के बाद यह आंदोलन प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था। इसके अलावा, 2023 से लेकर 2025 के बीच जरांगे ने कई बार अलग-अलग क्षेत्रों में भूख हड़ताल की, जिसमें प्रमुख तौर पर मराठवाड़ा क्षेत्र और मुंबई में सात बार आमरण अनशन किया।

महाराष्ट्र में किसे मिलता है कितना आरक्षण?

महाराष्ट्र में सामान्य वर्ग के लोगों को कई आरक्षण नहीं मिलता है। सबसे ज्यादा आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को मिलता है, 19 फीसदी। इसके बाद 13 फीसदी आरक्षण अनुसूचित जाति (SC/SC-Buddhist) को मिलता है। इनके अलावा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 फीसदी, सामाजिक/शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग (SEBC) को 10 फीसदी, अनुसूचित जनजाति (ST) को 7 फीसदी, घुमंतू जनजाति 2 (NT-C) को 3.5 फीसदी, विमुक्त जाति (VJNT-A) को तीन फीसदी और घुमंतू जनजाति 3 (NT-D) को दो फीसदी आरक्षण का लाभ मिलता है।

जरांगे की क्या हैं प्रमुख मांगें?

मनोज जरांगे की सरकार से मांग है कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जिन आंदोलनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। साथ ही आंदोलन के दौरान जिन पुलिसकर्मियों ने काररवाई की, उनके खिलाफ सरकार एक्शन ले। आंदोलनकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उनका दमन न किया जाए। हालांकि जरांगे की जो प्रमुख मांग थी, ‘मराठा समाज को कुनबी दर्जा’, उसपर सरकार ने हामी भर दी है।

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