डाक टिकटों का शौक बना रहा छात्रों का भविष्य, दीन दयाल स्पर्श योजना के तहत मिल रही छात्रवृत्ति
बढ़ रही बच्चों में रचनात्मक रुचि
लखनऊ, अमृत विचारः डाक विभाग की ओर से छात्रों के बीच फिलैटेली (डाक टिकट संग्रह) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही दीन दयाल स्पर्श योजना बच्चों के लिए न केवल एक रचनात्मक मंच बन रही है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा भी तय कर रही है। यह योजना 2017 से लागू है और कक्षा 6 से 9 तक के विद्यार्थियों के लिए है, जो डाक टिकटों को शौक के रूप में अपनाते हैं।
योजना के अंतर्गत चयनित विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष 6 हजार रुपये की छात्रवृत्ति (500 रुपये प्रति माह) प्रदान की जाती है। चयन शैक्षणिक प्रदर्शन और फिलैटेली क्विज या प्रेजेंटेशन के आधार पर होता है। प्रत्येक सर्कल व राज्य से 120 छात्रों का चयन किया जाता है। छात्र को पिछले शैक्षणिक वर्ष में कम से कम 60 प्रतिशत अंक लाने के साथ-साथ फिलैटेली क्लब का सदस्य होना या व्यक्तिगत रूप से डाक टिकट संग्रहण में रुचि लेना अनिवार्य है। डाक विभाग समय-समय पर चयनित छात्रों के लिए फिलैटेली वर्कशॉप, प्रदर्शनी और शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन भी करता है, जिससे बच्चों में इतिहास, संस्कृति और अनुसंधान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
स्पर्श योजना के माध्यम से डाक विभाग न केवल डाक टिकटों के गौरवशाली इतिहास को जीवंत रखे हुए है, बल्कि डिजिटल युग में भी विद्यार्थियों में रचनात्मक सोच और शोधात्मक दृष्टिकोण विकसित कर रहा है। यह योजना उन बच्चों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जो शिक्षा के साथ-साथ दुनिया को डाक टिकटों की नजर से देखने की जिज्ञासा रखते हैं।
दीन दयाल स्पर्श योजना का उद्देश्य छात्रों में इतिहास और संस्कृति के बारे में जागरूक करना है। इस योजना से छात्रों में मानसिक और शैक्षणिक विकास होता है। इसमें आयोजित परीक्षा पूरे देश से चयनित छात्रों के बीच होती है।
राजेश कुमार, चीफ पोस्ट मास्टर जीपीओ
यह भी पढ़ेंः New ODI Captain: शुभमन गिल ने किया रोहित शर्मा को रिप्लेस, BCCI की मीटिंग के बाद छिनीं कप्तानी
