दिव्य दीपावली मेला-2025: दीपावली पर जगमग होंगे दिव्यांगजन के हुनर...हाथों से बने उत्पादों को मिलेगा बाजार और सम्मान

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। इस दीपावली पर उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में 16-17 अक्टूबर को ''दिव्य दीपावली मेला-2025'' का आयोजन होगा, जिसमें दिव्यांगजन द्वारा निर्मित उत्पादों की भव्य प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। राज्य सरकार की यह पहल न केवल ''वोकल फॉर लोकल'' और ''आत्मनिर्भर भारत'' के मंत्र को साकार करने से साथ-साथ दिव्यांगजन को आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सम्मान का नया मंच भी प्रदान करेगी।

मिट्टी के दीपकों से लेकर कृत्रिम आभूषण और खाद्य सामग्री तक, इन प्रदर्शनियों में दिव्यांगजन का कौशल दीपोत्सव की रौनक को दोगुना करेगा। योगी सरकार दिव्यांगजनों के न केवल आर्थिक विकास पर ध्यान दे रही है, बल्कि सामाजिक समावेशिता को भी प्राथमिकता देती है। इस दीपावली, जब घर-घर दीये जलेंगे, तो दिव्यांगजन के हुनर की रोशनी पूरे प्रदेश को नई दिशा देगी।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा आयोजित इस मेले में हस्तनिर्मित मिट्टी के दीपक, आकर्षक मोमबत्तियां, कृत्रिम आभूषण, हथकरघा उत्पाद, घरेलू सजावटी सामान, पूजा सामग्री, आचार, मुरब्बा, मसाले और अन्य खाद्य सामग्री प्रदर्शित होंगी। ये उत्पाद विभिन्न दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्रों, स्वयं सहायता समूहों और एनजीओ के सहयोग से तैयार किए गए हैं।

कई जिलों में मेले की तैयारियां पूरी

प्रदेश सरकार ने सभी मंडल मुख्यालयों में प्रदर्शनियों के लिए उचित स्थान चिह्नित करने और व्यापक प्रचार के निर्देश दिए हैं। गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, मेरठ जैसे मंडलों में मेले की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बस्ती, अलीगढ, वाराणसी, झांसी, प्रयागराज, बरेली आदि में भी मेले का आयोजन किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक लोग इन प्रदर्शनियों में शामिल हों और स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं।

सरकार ने दिव्यांगजन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। दिव्य दीपावली मेला-2025 न केवल उनके हुनर को मंच देगा, बल्कि समाज को यह संदेश देगा कि हर व्यक्ति अपनी प्रतिभा से समाज को रोशन कर सकता है।- नरेंद्र कश्यप, पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

इकोफ्रेंडली दीपोत्सव का हिस्सा बनीं लखीमपुर की महिलाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार अयोध्या का दीपोत्सव भव्यता, आत्मनिर्भरता और जनसहभागिता का प्रतीक बन रहा है। लखीमपुर खीरी की ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार 25 हजार इकोफ्रेंडली दीए अब अयोध्याधाम की पवित्र भूमि पर रोशनी बिखेरेंगे। यह दीए वहां की मिट्टी और गोबर से बनाए गए हैं, जिनमें जड़ी-बूटियों की प्राकृतिक खुशबू भी समाहित है।

नगर निगम कार्यालय में धौरहरा ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी संदीप कुमार तिवारी ने महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी को ये दीपक सौंपे। इस अवसर पर महापौर ने लखीमपुर की जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल और मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक कुमार का आभार जताया।

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