SGPGI Lucknow : एसजीपीजीआई कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की मांग
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की मांग उठी है। इस संबंध में एसजीपीजीआई ऑल एम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन ने निदेशक को ज्ञापन सौंपा है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेश कुमार और महासचिव सीमा शुक्ला द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि देश के अन्य कई शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों में शिक्षकों और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु पहले से ही 65 वर्ष तक निर्धारित है। ऐसे में एसजीपीजीआई जैसे प्रमुख चिकित्सा संस्थान में भी यही व्यवस्था लागू होनी चाहिए। ज्ञापन में कहा गया है कि भारतीय चिकित्सा में सेवारत कर्मियों की सेवा निवृत्ति की आयु विभिन्न स्तरों पर 65 वर्ष तय की गई है।
विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के लिए सेवानिवृत्ति आयु 65 से 68 वर्ष तक है, जबकि प्राइमरी, माध्यमिक और उच्चतर शिक्षकों के लिए 62 वर्ष तक की सेवा की अनुमति है। पीजीआई जैसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान में शिक्षकों की सेवा आयु 65 वर्ष तय की गई है, परंतु गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को केवल 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त कर दिया जाता है।
ज्ञापन में कहा गया है कि अधिकांश कर्मचारी अपने अनुभव, दक्षता और ज्ञान के चरम पर तब पहुँचते हैं जब उनकी आयु 60 वर्ष के आसपास होती है। ऐसे में उन्हें सेवा से हटाना संस्थान के लिए नुकसानदायक है। यदि उन्हें पाँच वर्ष का अतिरिक्त कार्यकाल दिया जाए तो संस्थान को उनके अनुभव का लाभ मिलेगा और कार्यों में निरंतरता बनी रहेगी।
एसोसिएशन ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले दो वर्षों में संस्थान से बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इससे कई विभागों में कार्यभार बढ़ गया है और प्रशासनिक व तकनीकी कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे कर्मचारियों को पुनर्नियुक्ति का अवसर मिलना चाहिए ताकि संस्थान की सेवाओं में कोई बाधा न आए।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि इस प्रस्ताव को संस्थान की शासी निकाय की बैठक में चर्चा के लिए रखा जाए और इसे उत्तर प्रदेश शासन को अनुमोदन हेतु भेजा जाए।एसोसिएशन ने भरोसा जताया है कि यदि आयु सीमा बढ़ाई जाती है तो न केवल संस्थान को लाभ होगा बल्कि कर्मचारियों में कार्य के प्रति उत्साह और स्थायित्व भी बढ़ेगा।
