अयोध्या मेडिकल कॉलेज में अनोखा प्रयोग : कर्मचारियों को गलती पर लिखना पड़ेगा राम नाम...

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने एक अनोखा, अद्भुत व आश्चर्यचकित कर देने वाला निर्णय लिया है। अब यहां छात्र व कर्मचारियों को गल्तियों पर दंड स्वरूप राम का नाम लिखने की सजा दी जाएगी। दंड की श्रेणी के हिसाब से 11 से 51 हजार बार राम का नाम लिखने की सजा का प्रावधान किया गया है।

इसके लिए प्राचार्य ने ऑनलाइन मार्केट से एक विशेष कॉपी का ऑर्डर भी कर दिया है। अब तक चार से पांच लोगों राम का नाम लिखने की सजा मिल चुकी है। भव्य मंंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या राममय हो चुकी है। इसी क्रम में यहां मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने भी अनोखी मिसाल पेश की है।

उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले एक-दो छात्र व स्टाफ अनुशासन में नहीं दिखे। यही नहीं तीमारदारों का भी यही हाल था। इन पर कार्रवाई करने का मन तो बनाया, लेकिन सोचा कि क्यों न इनमें राम के नाम से सहारे सुधार लाया जाए। क्योंकि राम का नाम तारक मंत्र होता है। ऐसी धारणा है कि राम का नाम लेने से अवगुण कम होते हैं।

गुण बढ़ता है और संस्कार आते हैं। यही सोचकर गल्तियां करने वालों को राम का नाम लिखने की सजा दी है। उन्होंने बताया कि एक टेक्निशियन आस्तिक अपने ड्यूटी स्थल से नदारद था। उसे राम का नाम लिखने की सजा दी। एक कॉपी लिखने के बाद वह राम नाम के प्रति दीवाना हो गया।

डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि अब तक वह चार कॉपियों में राम-राम लिख चुका है। बताया कि एक स्पेशल राम नाम लेखक कॉपी मंगाई है, जिसमें 51 हजार तक रिक्तियां रहेंगी। उसमें गिनती के साथ आसानी से राम का नाम लिखा जा सकेगा।

मुस्लिम अल्लाह, सिख हो तो लिखे वाहे गुरु

प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा का कहना था कि मेडिकल कॉलेज में सभी धर्मों के छात्र व कर्मचारी हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। इसलिए हमारा विचार है कि कोई छात्र या कर्मचारी मुस्लिम है तो अल्लाह लिख सकता है। सिख है तो वाहे गुरु लिखे। इसी तरह हर धर्म का व्यक्ति अपने प्रभु को लिख सकता है। यह सजा अब तक ड्यूटी से नदारद, तीमारदारों को मरीज को घेरे रखने पर दी जा चुकी है।

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