खुरपका-मुंहपका और लंपी वायरस का कहर का बाराबंकी में कहर : टीकाकरण न होने से सैकड़ों मवेशी बीमार, कई की मौत

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Published By Deepak Mishra
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त्रिवेदीगंज/बाराबंकी, अमृत विचार। क्षेत्र में खुरपका-मुंहपका और लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। टीकाकरण न होने के कारण सैकड़ों मवेशी इन घातक बीमारियों की चपेट में आ गए हैं, जबकि कई की मौत भी हो चुकी है। पशुपालक अपने मवेशियों के इलाज के लिए भटक रहे हैं, वहीं पशुपालन विभाग के अधिकारी और चिकित्साधिकारी मामले को रफा-दफा करने में लगे हैं।

हर साल मई-जून में विभाग की ओर से इन बीमारियों से बचाव हेतु टीकाकरण अभियान चलाया जाता है, लेकिन इस वर्ष टीकाकरण न होने से तेजवापुर, सरैया, रौनी, गुरुदयाल पुरवा, पूरे घीसा, गौतवन पुरवा समेत दर्जनों गांवों में बीमारी फैल गई है। तेजवापुर निवासी हरिराम की बछिया की मौत बीमारी से हो गई, जबकि आलोक, सर्वजीत, रविन्द्र, राजन, अशोक वर्मा, संतालाल, दिनेश वर्मा, हिमांशु, प्रेमचंद्र, विनय सहित कई पशुपालकों के मवेशी बीमार हैं।

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंदु बाला अब गांव-गांव जाकर उपचार तो कर रही हैं, पर बीमारी फैलने की बात से इनकार कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में ही टीकाकरण कराया गया था, लेकिन पर्याप्त टीका उपलब्ध न होने के कारण केवल गौशालाओं तक ही टीकाकरण सीमित रह गया। ग्रामीणों ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय पर टीकाकरण कराया गया होता, तो इस समस्या से बचा जा सकता था।

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