चुनाव खत्म होते ही बिहार में कांग्रेस को बड़ा झटका, सीनियर नेता शकील अहमद खान ने पार्टी से दिया इस्तीफा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अहमद ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए अपने त्यागपत्र को मीडिया में जारी कर बताया कि उनके लिए पार्टी में आगे बने रहना संभव नहीं है, इसलिए वे भारी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं।

पूर्व केंन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला पहले ही कर लिया था, लेकिन मतदान के दौरान पार्टी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे इसलिए इस्तीफे को रोक रखा था और आज चुनाव समाप्त होने के बाद उसे सार्वजनिक किया। उन्होंने कहा कि वह खराब स्वास्थ्य के कारण चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले सके, हालाँकि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी और बिहार में महागठबंधन सरकार बनाएगा। 

कांग्रेस एक पूर्व सांसद ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं और सत्ता में बैठे लोगों के साथ उनके कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस की नीतियों और विचारधारा में उनका दृढ़ विश्वास है।उन्होंने कहा कि पार्टी की सदस्यता से अलग होने का मतलब यह नहीं है कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होंगे। 

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका किसी अन्य दल में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है और भविष्य में भी पार्टी के प्रबल समर्थक और शुभचिंतक बने रहेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 16 अप्रैल, 2023 को लिखे अपने पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी को पहले ही सूचित कर दिया था कि वह भविष्य में चुनावी राजनीति में नहीं आएंगे। 

उन्होंने अपनी राजनीतिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि उनके दादा स्वर्गीय अहमद गफूर 1937 में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे और उनके निधन के बाद उनके पिता शकूर अहमद 1952 से 1977 के बीच पांच बार कांग्रेस के विधायक चुने गए। उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 में अपने पिता के निधन के बाद वह सक्रिय राजनीति में आये और 1985 से अब तक पांच बार कांग्रेस के विधायक और सांसद चुने गए। 

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