कानपुर : गृहकर की कुर्की नोटिसें रोकने को लेकर पीआईएल की तैयारी, सपा-कांग्रेस पार्षदों ने महापौर को दिया ज्ञापन
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को किया तलब, पुराने बिलों को जमा करने के बाद भी पीछे से ब्याज लेने का मामला
कानपुर, अमृत विचार। पुराने जमा बिलों के बाद भी पीछे के वर्षों से ब्याज लगाकर नए बिल भेजने, कुर्की की नोटिसें व मनमाने बिल भेजने के खिलाफ विपक्षी पार्षद पीआईएल (जनहित याचिका) दर्ज कराने की तैयारी में हैं। पार्षदों ने समस्या को लेकर सोमवार को महापौर प्रमिला पांडेय को फिर से ज्ञापन दिया।
पार्षदों ने महापौर से कहा कि पुराने बिलों के जमा होने के बाद भी बकाया दिखाकर कुर्की के लिए नोटिस भेजना न्याय संगत नहीं है। महापौर ने पार्षदों की शिकायत पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी से जानकारी लेकर अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश दिए।
कांग्रेस पार्षद दल के नेता हाजी सुहैल अहमद और कांग्रेस पार्षद शिब्बू अंसारी के साथ पार्षद पति अर्पित यादव ने महापौर प्रमिला पांडेय को ज्ञापन देकर बताया कि वर्ष 2022 से मनमाने ढ़ंग से बढ़ाये गये गृहकर की जबरन वसूली के लिए कुर्की की नोटिसें भेजी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर 2025 को तत्कालीन नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने सदन में कहा था कि वर्ष 2016 के बाद से मासिक किराया शुल्क में कोई भी वृद्धि नहीं हुई है और यह की शासन के एक आदेश के अनुसार वर्ष 2022 से संशोधित मासिक किराया दर लागू करने का प्रावधान है।
पार्षदों ने कहा कि इस विषय पर आपने प्रश्न उठाया था कि गृहकरदाता द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 तक जब गृहकर बिल जमा कर दिया गया तो तो नए बिलों में वर्ष 2022 से बकाया व ब्याज क्यों वसूला जा रहा है।
पार्षदों ने कहा कि एक ओर तो वर्ष 2022 से जबरन बढ़ाये हुए गृहकर का बकाया मय ब्याज की वसूली का बोझ लादा जा रहा है और दूसरी ओर एक कथित शासनादेश का हवाला देकर इसे उचित ठहराने का प्रयास किया जा रहा है। जो जनता में विरोधाभाष पैदा कर रहा है।
मय ब्याज सहित क्यों दिया जा रहा बिल
कांग्रेस पार्षद दल के नेता ने कहा कि वर्ष 2022, 2023 और वर्ष 2024 में जब कोई गृहकर बढ़ोतरी की नोटिस और सूचना भवनस्वामियों को नहीं दी गई तो फिर अचानक वर्ष 2025 में वर्ष 2022 से बकाया का बिल मय ब्याज सहित क्यों दिया जा रहा है। इस पर रोक लगाएं। नगर निगम द्वारा कुर्की की कार्रवाई पर भी रोक लगाई जाए। हाजी सुहैल अहमद ने बताया कि यदि जनता की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा, पीआईएल दर्ज कराएंगे।
