यूपी में नदियों को नई जिंदगी: गोमती में छोड़े 2 लाख मछली बीज, मत्स्य मंत्री ने शुरू किया मेगा रिवर रैंचिंग अभियान!
लखनऊ, अमृत विचार: राज्य सरकार उत्तर प्रदेश में नदी संरक्षण और मत्स्य विकास को जनांदोलन का रूप देगी। यह अभियान रिवर रैंचिंग का होगा जो नदी पारिस्थितिकीय प्रणाली के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल इसके माध्यम से प्रदेश को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी और आत्मनिर्भर बनाने की योजना है। नदियों में मत्स्य संसाधनों का पुनर्जीवन, पारंपरिक मछली पकड़ने के तरीकों को बढ़ावा देना इसका मुख्य उद्देश्य है।
ऐसे ही एक अभियान की शुरुआत करते हुए मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय निषाद की अगुवाई में सोमवार को यहां न्यू लक्ष्मण पार्क, गोमती रिवर फ्रंट पर राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद से संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजनांर्तगत जन जागरूकता कार्यक्रम रिवर रैंचिंग का आयोजन किया गया। इस मौके पर उप्र. मत्स्य विकास निगम लि. गोमती हैचरी, लखनऊ से 02 लाख भारतीय मेजर कार्प मत्स्य बीज (रोहू कतला और नैन) 80 से 100 एमएम का संचय किया गया।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए एयरेशन सिस्टम योजना और मछुआ दुर्घटना बीमा के कुल 06 लाभार्थियों को मत्स्य मंत्री ने प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान डॉ. निषाद ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य नदियों में मत्स्य संसाधनों का पुनर्जीवन, पारंपरिक मछली पकड़ने के तरीकों को बढ़ावा देना, मछुआ समुदाय की आजीविका को मजबूत बनाना तथा जलीय जैव विविधता में वृद्धि करना है। उन्होंने बताया कि नदी पारिस्थितिकीय प्रणाली के संरक्षण के लिए रिवर रैंचिंग प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित कर नदी संरक्षण और मत्स्य विकास की पहल को मजबूत किया जाए। राज्य सरकार प्रदेश को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी और आत्मनिर्भर बनाने को प्रतिबद्ध है।
- डॉ. संजय निषाद, मत्स्य विकास मंत्री
प्रदेशभर में रिवर रैचिंग कार्यक्रमों को निरंतर संचालित किया जाना है। इससे जलीय जैवविविधता में और वृद्धि होगी और नदियों में पारिस्थितिकीय तंत्र को बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
- मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव मत्स्य विकास विभाग
