1962 नंबर मिलाएं, एमवीयू करेगी कृत्रिम गर्भाधान... मोबाइल वेटरनरी यूनिट आएगी पशुपालकों के द्वार
पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम को मिलेगा बढ़ावा
लखनऊ, अमृत विचार: अब पशुपालन विभाग की आकस्मिक उपचार सेवा का नंबर 1962 मिलाने पर गाय व भैंस का कृत्रिम गर्भाधान भी किया जाएगा। कॉल करने पर मोबाइल वेटरनरी यूनिट पशुपालकों के द्वार पर आकर निशुल्क गर्भाधान करेगी। इससे झोलाछाप पर नकेल कसेगी और पशुओं की नस्ल सुधार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार का कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य पूरा होगा।
उप्र पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने ''पशु नस्ल सुधार'' कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए यह पहल की है। उनके निर्देश पर प्रदेश में संचालित सभी 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट को कृत्रिम गर्भाधान की किट उपलब्ध कराई जाने लगी है। किट में तीन एवं 47 लीटर का सीमेन रखने के लिए बायोलॉजिकल क्रायोकेन व 50 से 55 लीटर का लिक्विड नाइट्रोजन रखने के लिए कंटेनर यानी बॉक्स दिए जाएंगे। इसके अलावा कृत्रिम गर्भाधान करने के अन्य उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
जिलों पर बनेगा रूट और शेड्यूल
कंट्रोल रूम पर उपचार के अलावा कृत्रिम गर्भाधान की कॉल आने पर यूनिट फौरन पशुपालकों के द्वार पर जाएगी और पशुओं का निशुल्क कृत्रिम गर्भाधान करेगी। इस कार्य के लिए जिले स्तर पर मोबाइल वेटरनरी यूनिट का शेड्यूल और रूट बनेगा। आकस्मिक सेवा के अलावा जो मोबाइल वेटरनरी यूनिट गांव-गांव कैम्प पर होंगी वहां भी उपचार, टीकाकरण के अलावा कृत्रिम गर्भाधान करेंगी। यह सेवा निशुल्क रहेगी। इससे पशुपालकों को घर बैठे सुविधा मिलेगी और अप्रशिक्षित लोगों लगाम लगेगी।
