बढ़ गई डेडलाइन, अनावश्यक मानसिक दबाव में न आएं BLO, UP के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दिया सुझाव

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच गोंडा, फतेहपुर, बिजनौर, मुरादाबाद जिलों से आयी बीएलओ की मौत की खबरों को लेकर राजनीतिक दल चुनाव आयोग पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच भारत निर्वाचन आयोग ने बीएलओ को राहत देने का एक और निर्णय लिया है। 

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि प्रदेश में चल रहे एसआईआर की घोषित तिथियों को एक सप्ताह बढ़ाते हुए संशोधित तिथियां जारी कर दी गई हैं। ऐसे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि चूंकि एक सप्ताह की अवधि और मिल गई है।

इसलिए उनके अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों ख़ासकर बीएलओ को अनावश्यक मानसिक दबाव में आने की आवश्यकता नहीं है। पर्याप्त समय है जिसमें सारा कार्य पूरा हो सकता है। ऐसे बीएलओ जो किसी भी वजह से कार्य में पिछड़ गए हैं और जिनको सहयोग की आवश्यकता उनको यथा आवश्यक सहयोग दिलाया जाए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि संशोधन तिथियां के अनुसार 11 दिसम्बर तक गणना अवधि निर्धारित की गई है। मतदेय स्थलों का संभाजन भी 11 दिसम्बर तक किया जाएगा। 12 दिसंबर से 15 दिसंबर तक कंट्रोल टेबल को अपडेट करने के साथ आलेख्य नामावली की तैयारी की जाएगी।

70 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अब तक प्रदेश में 10.75 करोड़ से अधिक यानी 70 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन हो चुका है। साथ ही अब तक 9177 मतदेय स्थलों पर बीएलओ द्वारा गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा कर लिया गया है।

ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन से पूर्व होगी बैठक

उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन से पूर्व हर पोलिंग बूथ पर बीएलओ और राजनैतिक दलों द्वारा तैनात बूथ लेवल एजेंट की बैठक होगी। जिसमें बीएलओ द्वारा ऐसे मतदाताओं की सूची एजेंट को उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनका नाम ड्राफ़्ट मतदाता सूची में किन्हीं कारणों की वजह से नहीं आ रहा है।

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