तनाव मस्तिष्क के कार्यों को करता है प्रभावित... Lucknow University में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर चर्चा

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: तनाव प्रबंधन में ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका है। वैज्ञानिक अनुसंधानों से यह प्रमाणित हुआ है कि ध्यान के अभ्यास से शरीर में आनंद प्रदान करने वाले हार्मोन सेरोटोनिन और डोपामिन का स्तर बढ़ता है। लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन में आयोजित सेमिनार में कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. एम.एल.बी. भट्ट ने बताया कि तनाव मस्तिष्क के कार्यों को विभिन्न प्रकार से प्रभावित करता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय, इंडियन योग फेडरेशन और यूपी नेचुरोपैथी एंड योग टीचर्स एंड फिजिशियन एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि योग शारीरिक उत्तेजना को कम करके शरीर के कार्यों में लयबद्धता उत्पन्न करता है, जिससे व्यक्ति भावनात्मक तनाव से निपटने में सक्षम होता है। आयोजक डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि मानसिक तनाव देश की बड़ी आबादी को प्रभावित कर रहा है। सर्वे के अनुसार शहरी भारतीयों में तनाव की व्यापकता 53 प्रतिशत है।

भुजंगासन करता है तनाव कम

योग की विभिन्न प्रथाएं जैसे आसान, प्राणायाम और ध्यान, विशेषकर शवासन, शरीर और मन को आराम देती हैं, हृदय गति को धीमा करती हैं और तनाव कम करती हैं। भुजंगासन मानसिक तनाव को घटाकर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। गौमुखासन विश्राम को प्रेरित करता है और तनाव कम करने में मदद करता है।

अनुलोम-विलोम तंत्रिका तंत्र को ठीक करता है

अनुलोम-विलोम प्राणायाम से तंत्रिका तंत्र को शांति मिलती है, मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और मस्तिष्क में संतुलन स्थापित होता है। इसका अभ्यास 5 से 10 मिनट करना चाहिए। भ्रामरी प्राणायाम अनिद्रा को कम करता है और गहरी नींद में सहायक है।
कार्यक्रम में यह लोग उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी, कुलपति प्रो. मनुका खन्ना, पवन सिंह चौहान (सदस्य विधान परिषद), प्रो. एम.एल.बी. भट्ट (निदेशक कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैंसर संस्थान), गोवा से डॉ. देवेश कुमार श्रीवास्तव, देहरादून से डॉ. सरस्वती काला, पतंजलि विश्वविद्यालय की डॉ. आरती यादव और सूलिनी विश्वविद्यालय से निधीश यादव सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

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