Bareilly: आईवीआरआई ने रचा इतिहास...नैक ने दिया ए डबल प्लस ग्रेड

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) इज्जतनगर ने बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने संस्थान को शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान नवाचार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, सुदृढ़ बुनियादी ढांचे और समग्र प्रदर्शन के आधार पर सर्वोच्च ए डबल प्लस ग्रेड प्रदान किया है। आईसीएआर के डीम्ड विश्वविद्यालयों में यह सम्मान पाने वाला आईवीआरआई पहला संस्थान बन गया है। संस्थान ने 4 में से 3.58 का उत्कृष्ट सीजीपीए हासिल कर देश के श्रेष्ठ शैक्षणिक एवं शोध संस्थानों में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है।

संस्थान के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि 2 से 4 जून तक चली नैक टीम की ऑन साइट जांच में शिक्षण, अनुसंधान, नवाचार, प्रशासन, बुनियादी ढांचे और सामाजिक योगदान जैसे सातों प्रमुख मानदंडों पर आईवीआरआई को शीर्ष प्रदर्शनकर्ता माना गया। ए डबल प्लस ग्रेड पूरे संस्थान के वैज्ञानिकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सामूहिक मेहनत का परिणाम है। यह सिर्फ एक ग्रेड नहीं, बल्कि पशु चिकित्सा विज्ञान में वैश्विक मानकों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह उपलब्धि हमें देश की खाद्य सुरक्षा और पशुधन समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की प्रेरणा देती है। हमारा लक्ष्य आईवीआरआई को पशु चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा में विश्व के शीर्ष संस्थानों में स्थापित करना है।

संस्थान के संयुक्त निदेशक शैक्षणिक डॉ. एसके मेंदीरत्ता ने कहा कि यह सफलता का श्रेय निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त के दूरदर्शी नेतृत्व, आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. मनीष महावर, एसोसिएट नोडल अधिकारी डॉ. मधु सीएल और सभी समिति सदस्यों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि आईवीआरआई के 135 साल से अधिक के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है, जो देश में पशु स्वास्थ्य, पशुधन उत्पादन और जैव सुरक्षा के क्षेत्र में इसके अटल समर्पण और नेतृत्व को प्रमाणित करती है। कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद मूल्यांकन एक कठोर और व्यापक प्रक्रिया है, जो उच्च शिक्षा संस्थानों को सात महत्वपूर्ण मानदंडों पर परखती है। आईसीएआर-आईवीआरआई ने इन सभी मानदंडों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। डॉ. दत्त ने बताया कि वर्ष 1889 में स्थापित आईवीआरआई देश की पशुधन अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ रहा है। आधुनिक प्रयोगशालाओं, समृद्ध पुस्तकालय, अत्याधुनिक पशु प्रक्षेत्र और शोध उपलब्धियों के कारण यह लगातार पशु स्वास्थ्य, जैव सुरक्षा और उन्नत अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। नैक की सर्वोच्च ग्रेडिंग ने इसे एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कर दिया है।


इन सात बिंदुओं पर नैक ने किया मूल्यांकन

-पाठ्यक्रम- संस्थान में संचालित स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट कार्यक्रमों का मूल्यांकन
-शिक्षण-अधिगम और मूल्यांकन-आधुनिक शिक्षण पद्धतियां और निष्पक्ष छात्रों के मूल्यांकन की निष्पक्ष प्रणाली।

-अनुसंधान, नवाचार और विस्तार- पेटेंट, प्रकाशन, और समाज पर अनुसंधान के प्रभाव।
- बुनियादी ढांचा, सीखने के संसाधन- उन्नत प्रयोगशाला, पुस्तकालय, आधुनिक पशु प्रक्षेत्र।

- छात्र सहायता और प्रगति- छात्रों को दी जा रही फेलोशिप, प्लेसमेंट और परामर्श सेवा।
- शासन, नेतृत्व और प्रबंधन- पारदर्शी और प्रभावी प्रशासनिक ढांचा और वित्तीय प्रबंधन।

- संस्थागत मूल्य, अभ्यास: पर्यावरणीय चेतना, सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक आचरण।

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