फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी : गिरोह ने 3-4 सालों में किया दो हजार करोड़ का कारोबार, STF के साथ प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुरू की जांच
पूरे गिरोह के बैंक खातों, कंपनियों के लेनदेन व अन्य डिटेल की जांच में हुआ खुलासा
लखनऊ, अमृत विचार: फेंसेडिल कफ सिरप तस्करी मामले में नया खुलासा सामने आया है। पूरे सिंडिकेट ने 3-4 में ही दो हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर डाला। इसका खुलासा मास्टर माइंड शुभम जायसवाल के पूरे गिरोह के बैंक खातों, कंपनियों के लेनदेन और अन्य डिटेल की जांच में हुआ। इस मामले में अब एसटीएफ के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी लेनदेन समेत कई मामलों की जांच शुरू कर दिया है। संयुक्त टीम बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, शुभम और करीबी विशाल सिंह की तलाश में दबिश दे रही है। पुलिस के मुताबिक विशाल भी दुबई में बैठा है। दोनों जांच एजेन्सियां दुबई में इस पूरे गिरोह का नेटवर्क पता करने में भी लग गई है।
फेंसेडिल कफ सिरप के मामले की जांच में आये दिन नया खुलासा हो रहा है। एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक जांच आगे बढ़ने के साथ ही साफ होने लगा कि यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई प्रदेशों में इसकी सप्लाई के अलावा पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक बड़ी मात्रा में यह सिरप भेजा गया। इसमें पांच-पांच लाख रुपये लगाकर लाखों रुपये की कमाई हुई। इसके बाद ही बाहुबली पूर्व सांसद के कई और करीबियों के भी इस खेल में शामिल होने का खुलासा होता चला गया।
100 से अधिक बैंक खातों व संपत्तियों के दस्तावेज की जांच
एसटीएफ के साथ ही वाराणसी, सोनभ्रद और गाजियाबाद पुलिस अब तक 100 से अधिक बैंक खातों व संपत्तियों के दस्तावेज खंगाल चुकी है। इसमें कई बैंक खाते शुभम जायसवाल, विशाल, वरुण, आलोक सिंह, अमित सिंह उर्फ अमित टाटा समेत 16 लोगों द्वारा बनाई फर्मों के भी है। इन फर्मों से भी करोड़ों रुपये के फर्जी ई-बिल से सप्लाई दिखाई गई जबकि हकीकत में इतनी मात्रा में सप्लाई हुई ही नहीं।
दो दर्जन से अधिक लोग एसटीएफ के रडार
इस मामले में अमित सिंह टाटा व बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के काम में सहयोग करने वाले 25-30 लोग एसटीएफ के रडार पर हैं। इनको चिह्नित कर लिया गया है। एसटीएफ की टीम इनकी कुंडली खंगाल रही है। ये सारे लोग वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर के रहने वाले हैं। इन सभी से जल्द ही पूछताछ की जाएगी। चौबेपुर, महमूरगंज और लहरतारा का रहने वाला निजी ट्रांसपोर्टर, शराब कारोबारी भी जांच की जद में है। एसटीएफ को अमित और शुभम के व्हाट्सएप चैट से कई अहम साक्ष्य मिले हैं। पता चला कि मामले में गिरफ्तार अमित सिंह टाटा शराब कारोबार से भी जुड़ा है। उसे शराब की कई दुकानें आवंटित की गई हैं। उसके संपर्क में कई युवा थे जिनके नाम से फर्म बनवाई गई थी फिर पांच-पांच लाख रुपये के निवेश कराए गए।
आलोक का भी लुकआउट नोटिस जारी
एसटीएफ ने शुभम जायसवाल, वरुण समेत तीन लोगों के बाद अब फरार चल रहे बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह का लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया है। वह अन्य आरोपियों के साथ पहले दुबई जा चुका है। इसलिए यह आंशका जताई जा रही थी कि कहीं आलोक भी विदेश न भाग जाए। इस वजह से ही एसटीएफ ने यह कार्रवाई की है। एसटीएफ की सख्ती बढ़ते ही शुभम अपने साझीदार व परिवार के कुछ सदस्यों के साथ दुबई भाग निकला था। दावा किया जा रहा है कि फरार आरोपियों पर जल्दी ही इनाम भी घोषित कर दिया जाएगा।
लखनऊ का आलोक बाहुबली सांसद के इलाके का वोटर
फेंसेडिल कफ सिरप की तस्करी में आरोपी बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह मूलत: लखनऊ के मालवीय नगर का रहने वाला है। लेकिन, उसका नाम जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद के इलाके से बने वोटर लिस्ट में भी है। कुछ समय पहले एसआईआर का फार्म भी उसके नाम से भरा गया है। एसटीएफ ने इस बिन्दु पर भी अपनी पड़ताल शुरू कर दी है। यह भी पता किया जा रहा है कि क्या उसने अपना नाम लखनऊ की वोटर सूची से हटवा लिया है अथवा बाहुबली के कहने पर उनके इलाके की वोटर सूची में आलोक ने अपना नाम डलवाया है। यह भी पता किया जा रहा है कि यहां से बाहुबली के और कितने लोगों ने इस तरह से फर्जी पता दिखाकर अपना वोटर कार्ड बनवाने का प्रयास किया है।
