लोहिया संस्थान में नौकरी का खेल : 70 हजार लेकर गायब हुए दलाल, आजमगढ़ निवासी पीड़ित ने अधिकारियों को भेजी शिकायत
शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर वायरल, निदेशक ने बताया फर्जी
लखनऊ, अमृत विचार: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आउटसोर्सिंग भर्ती के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व दलाली का आरोप सामने आया है। आजमगढ़ निवासी संत सरण यादव ने संस्थान के एक कर्मचारी और डॉक्टर पर 70 हजार रुपये हड़पने का गंभीर आरोप लगाते हुए निदेशक सहित उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है।
भेजा गया शिकायती पत्र 12 नवंबर को लोहिया संस्थान में रिसीव हुआ है। इसकी एक प्रति बुधवार को वायरल हुई है। प्रति के साथ लेनदेन हुई रकम का व्हाट्सऐप पर भेजा गया यूपीआई स्क्रीनशॉट भी लगाया गया है। संस्थान के निदेशक ने शिकायत को फर्जी बताया है।
शिकायत के अनुसार दिसंबर 2024 में संत सरण यादव अपनी पोती के लिए नौकरी संबंधी जानकारी लेने संस्थान पहुंचे थे। वहीं ड्यूटी पर तैनात गार्ड ने उन्हें कांच की गोल बिल्डिंग स्थित रूम नंबर 18 भेजा, जहां दीपक नामक कर्मचारी मिला। आरोप है कि दीपक ने डॉक्टर शुभांकर का नाम लेते हुए कहा कि रजिस्ट्रेशन करा दो और थोड़ी मलाई दे दो, 90 प्रतिशत काम हो जाएगा। साथ ही भर्ती प्रक्रिया एमएस विक्रम सर (वर्तमान में सीएमएस) के निर्देश पर चलने की बात कही।
पीड़ित के अनुसार किस्तों में 70 हजार रुपये लिए गए, जबकि कुल 1.40 लाख रुपये मांगे गए थे। पैसे लेने के बावजूद न तो इंटरव्यू के लिए कॉल आई और न ही नौकरी मिली। शिकायत में कहा गया कि कई बार संपर्क करने पर भी जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो आरोपी दीपक ने पीड़ित को ब्लॉक कर दिया।
आरोप है कि शिकायत की चेतावनी देने पर डॉक्टर शुभांकर ने न केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि धमकाने का प्रयास भी किया। पीड़ित के मुताबिक घटना के बाद उनकी पोती मानसिक तनाव में है और उसकी हालत बिगड़ती जा रही है।
जांच में शिकायती पत्र फर्जी पाया गया है। संबंधित बैंक खाते की भी पड़ताल कराई गई, लेकिन उसमें कोई ऐसा ट्रांजेक्शन नहीं मिला। शिकायत कर्ता के पते पर जांच रिपोर्ट स्पीड पोस्ट से भेजी गई, लेकिन शिकायतकर्ता दिए गए पते पर नहीं मिला, जिसके चलते पत्र वापस लौट आया।
प्रो. सीएम सिंह, निदेशक, लोहिया संस्थान
