Bareilly : सन्नाटे के बीच दिन भर गरजते रहे बुलडोजर, आवासीय हिस्सा छोड़ा
बरेली, अमृत विचार। सूफी टोला में मंगलवार से जारी बरेली विकास प्राधिकरण की बुलडोजर कार्रवाई से इलाके में भय का माहौल साफ नजर आया। आम दिनों में लोगों की चहलकदमी से गुलजार रहने वाली गलियां बीते दो दिनों से शांत नजर आईं। सिर्फ एक ही आवाज दूर-दूर तक सुनाई दे रही वो थी बुलडोजर की गरज। हालांकि बीडीए की टीम ने दोनों ही बरातघरों के बचे हुए हिस्से को शाम करीब पांच बजे तक पूरी तरह जमींदोज कर दिया।
टीम ने दो बुलडोजर और एक पोकलैंड की मदद से मंगलवार को सुबह करीब 12 बजे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई आरंभ की, जो कि देर शाम करीब पांच बजे तक जारी रही। मार्ग बंद होने से भले ही लोग पास से इस कार्रवाई को नहीं देख सके, लेकिन अपनी छतों से सुबह से शाम तक हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थे। हालांकि टीम ने दोनों ही बरातघरों को बुधवार शाम तक जमींदोज कर दिया, लेकिन बरातघर से सटे आवासीय हिस्से को ध्वस्त नहीं किया गया है।
दरअसल, कार्रवाई के दौरान नया मोड़ तब आया जब संचालकों के पक्ष के अधिवक्ता ने मौके पर पहुंच कर बीडीए की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में जारी नोटिस पर इतने सालों बाद संज्ञान क्यों लिया गया। वहीं बीते शनिवार को जो नोटिस जारी किया गया है ये पुलिस के माध्यम से क्यों भिजवाया गया। इस दौरान बीडीए अफसरों से उनकी नोकझोंक भी हुई, लेकिन बीडीए अफसरों ने तर्क दिया कि ये कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है।
बोले अधिवक्ता, सुप्रीम कोर्ट में दायर करेंगे याचिका
अधिवक्ता ने बीडीए अफसरों से कहा कि कार्रवाई से पहले भवन स्वामियों को पर्याप्त समय तक नहीं दिया गया है। इसके चलते अब उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी है। जिससे राहत मिल सके।
बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. मनिकंडन ए ने बताया कि अवैध निर्माण पर बीडीए लगातार कार्रवाई कर रहा है। सूफीटोला के दो बारातघरों पर भी बीडीए ने दो दिन कार्रवाई करके अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है।
