Putin India Visit: रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म पर काम जारी,’ भारत-रूस बिजनेस फोरम में बोले PMमोदी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को भारत-रूस बिजनेस फोरम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत-रूस के बीच फ्री ट्रेड पर बातचीत हुई है। साथ ही, राष्ट्रपति पुतिन और मैंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। 

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का इतने बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना बहुत महत्वपूर्ण है। मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूं। आप सभी के बीच आकर, इस फोरम में शामिल होकर अपने विचार शेयर करके मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं अपने दोस्त राष्ट्रपति पुतिन का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर चर्चा शुरू हो गई है। चाहे बिजनेस हो या डिप्लोमेसी, किसी भी साझेदारी की नींव आपसी विश्वास है। यही विश्वास भारत-रूस संबंधों की सबसे बड़ी ताकत है। 

पीएम मोदी ने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन और मैंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन कल से राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरी बातचीत और जो संभावना हम देख रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि हमें 2030 तक इंतजार करना पड़ेगा। हम उस लक्ष्य को तय समय से पहले पूरा करने के इरादे के साथ आगे बढ़ रहे हैं और यह मेरा आत्मविश्वास बढ़ रहा है। टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाएं कम की जा रही हैं।"

उन्होंने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत में जिस तेजी और पैमाने के साथ बदलाव हुए हैं, वे अभूतपूर्व हैं। रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म, इस सिद्धांत पर चलते हुए भारत तेजी से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। 11 वर्षों की इस सुधार यात्रा में हम न थके हैं और न ही रुके हैं। हमारे संकल्प पहले से भी अधिक मजबूत हैं और हम अपने लक्ष्य की दिशा में बड़े आत्मविश्वास के साथ तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस और स्पेस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोल दिया गया है, जिससे इन क्षेत्रों में नए मौके बने हैं। अब हम सिविल न्यूक्लियर सेक्टर में भी संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहे हैं। यह सिर्फ प्रशासनिक सुधार नहीं है, बल्कि वैचारिक सुधार भी हैं। इन सुधारों के पीछे एक ही संकल्प है-विकसित भारत।"

उन्होंने आगे कहा, "मेरी तरफ से हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए कुछ विचार रखना चाहूंगा। सबसे पहले, लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में आज की बैठक में राष्ट्रपति पुतिन और मैंने अपनी कनेक्टिविटी की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करने पर जोर दिया। आईएनएसटीसी या नॉर्दर्न सी रूट, यानी चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर पर आगे बढ़ने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में जल्द ही प्रगति होगी। 

इससे ट्रांजिट टाइम कम होगा, लागत कम होगी और बिजनेस के लिए नए मार्केट खुलेंगे। डिजिटल टेक्नोलॉजी की ताकत के साथ हम वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर के जरिए कस्टम, लॉजिस्टिक्स और रेगुलेटरी सिस्टम को जोड़ सकते हैं। इससे कस्टम क्लियरेंस तेज होगा, पेपरवर्क घटेगा और कार्गो मूवमेंट ज्यादा आसान बनेगा। दूसरा-मरीन प्रोडक्ट्स, हाल ही में रूस ने डेयरी प्रोडेक्ट्स के लिए भारतीय कंपनियों की लिस्ट में विस्तार किया गया है इससे भारत के एक्सपोर्टर के लिए नए अवसर बने हैं। "

पीएम मोदी ने कहा, "तीसरा- ऑटोमोबाइल सेक्टर, भारत आज सस्ते, कुशल ईवी, टू-व्हीलर्स और सीएनजी मोबिलिटी सॉल्यूशंस में आज ग्लोबल लीडर है। रूस एडवांस्ड मटीरियल्स का एक बड़ा प्रोड्यूसर है। हम साथ मिलकर ईवी मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स और मोबिलिटी टेक में साझेदारी कर सकते हैं। इससे हम न केवल अपनी जरूरतों को पूरी कर सकेंगे बल्कि ग्लोबल साउथ, विशेषकर अफ्रीका के विकास में भी योगदान दे सकते हैं। चौथा- किसान, भारत आज किफायती मूल्यों पर उच्चतम क्वलिटी की दवाई सप्लाई कर रहा है इसलिए आज भारत को 'फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड' भी कहा जाता है।"

संबंधित समाचार