Christmas Spacial: ख़ूबसूरती का नायाब नमूना है कैथेड्रल चर्च

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: हजरतगंज में मेफेयर सिनेमा के सामने बनी सेन्ट जोजफ कैथेड्रल चर्च शहर की सबसे खूबसूरत चर्च है। हजरतगंज में मेट्रो स्टेशन के बाहर से सफ़ेद मार्बल की ईसा मसीह की सुंदर प्रतिमा अपनी ओर आकर्षित करती है। वर्ष 1857 की क्रांति के बाद लखनऊ में शांति स्थापित हुई। तब आयरलैंड के फादर विलियस ग्लीसन ने कैथोलिक चर्च की अस्त व्यस्त दशा देखकर यहां चर्च बनाना तय किया। इस चर्च को बनाने के लिए उन्होंने लखनऊ कैथोलिक मिशन की सभी पुरानी जमीनों को बेच दिया। कुछ धन सरकार से लिया और कुछ जनता से जुटाया। वर्ष 1868 में कैथेड्रल चर्च का निर्माण कराया गया।

इस चर्च में 100 साल तक प्रार्थना का सिलसिला चलता रहा। इसके बाद 1968 में इसका पुनर्निर्माण किया गया। लखनऊ के कैथलिक बिशप डॉ. अल्बर्ट डी कानरेड डी वीटो ने 19 अप्रैल को नये चर्च की नींव रखी। 1977 में यह बनकर तैयार हो गया। इसका प्रार्थना हाल बहुत शानदार है। इसमें एक साथ 1000 लोग बैठकर प्रार्थना कर सकते हैं। लखनऊ के किसी भी चर्च में एक साथ इतने लोग प्रार्थना नहीं कर सकते। हाल में प्रवेश करते ही सामने क्रूस पर चढ़े ईसा मसीह की प्रतिमा दिखाई देती है।

कैथेड्रल चर्च में बिशप का आवास और कार्यालय भी बनाया गया है। इस चर्च को एक नाव के आकार में बनाया गया है। बताते हैं कि यह पैगम्बर हजरत नूह की कश्ती है। उनके दौर में आये एक विनाशकारी तूफ़ान में वही बचा था जो नूह की कश्ती में सवार था। इस चर्च की डिजाइन नूह की कश्ती की शक्ल में बनाकर यह बताया गया है कि परमेश्वर की शरण में आने वाला ही बाकी बचेगा। इस गिरजा घर की लम्बाई 40 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर है।

चर्च प्रबन्धन
फादर डोनाल्ड डिसूजा कैथेड्रल चर्च का प्रबंधन देखते हैं। फादर डिसूजा एक जानेमाने शिक्षाविद भी हैं। राजधानी के मिशनरी स्कूलों के वह चांसलर भी हैं।

कैसे पहुंचें
यह चर्च हजरतगंज मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार पर है, इस नाते यहां पहुंचना भी बहुत आसान है। हजरतगंज के मुख्य बाजार में होने के नाते यहां किसी भी समय पहुंचा जा सकता है।

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