उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद का 47वां सम्मेलनः बोले पार्थ सारथी- आचरण और व्यक्तित्व से प्रभावित करें प्रधानाचार्य
अयोध्या, अमृत विचार : माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि प्रधानाचार्य अपने आचरण, व्यक्तित्व और कर्तव्य भावना को ऐसा बनाएं जो अन्य के लिए प्रेरणा स्रोत हों। उन्होंने प्रधानाचार्य को शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने, वार्षिक परीक्षाओं का नियमित आयोजन करने और शिक्षा के संवर्धन के लिए भी प्रेरित किया।
अपर मुख्य सचिव महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के आयोजित 47वें प्रांतीय सम्मेलन के समापन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से होने वाली परीक्षाओं का परिणाम बच्चों और अभिभावकों में साझा किया जाना जरूरी है, जिससे उन्हें अपने शिक्षा के स्तर का पता चल सके। उन्होंने प्रधानाचार्यों को अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करने, शारीरिक शिक्षा पर ध्यान देने, लाइब्रेरी से किताबें निर्गत कराने, शिक्षकों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने और नवाचार से जुड़े रचनात्मक कदम उठाने के लिए कहा। अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार सिंह ने परिषद की ओर से किए गए नवाचार पर प्रकाश डाला।
समापन सत्र को प्रधानाचार्य परिषद के प्रशासनिक समिति के पदाधिकारी हरिप्रसाद यादव, वित्तीय समिति के डॉ. देव भास्कर तिवारी, पाठ्यक्रम समिति के अनिल वशिष्ठ, सेवा समिति के दिवाकर शर्मा ने संबोधित करते हुए समिति की ओर से लिए गए निर्णय और सुझावों को मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के सामने रखा। वरिष्ठ प्रांतीय संरक्षक श्रीनिवास शुक्ला ने भी समारोह को संबोधित किया। स्वागत संबोधन करते हुए प्रांतीय कोषाध्यक्ष व आयोजन संयोजक डॉ. मणि शंकर तिवारी ने विद्यालय संचालन में आ रही समस्याओं और उसके संभावित निदान पर अपनी बात रखी। संचालन प्रांतीय महामंत्री रविंद्र त्रिपाठी और धन्यवाद ज्ञापन परिषद के प्रांतीय संरक्षक डॉ. वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने किया। महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. भानु प्रताप सिंह, तेज प्रताप सिंह, राम प्रिया शरण सिंह, प्रदीप कुमार वर्मा, डॉ. उदयभान सिंह, डॉ रमेश मिश्रा, सुनील द्विवेदी, डॉ. शिवकुमार मिश्र, जितेंद्र राव, वरुण प्रताप सिंह, रमेश चंद्र पाण्डेय, रामकृष्ण पाण्डेय, लवकुश सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह, संजय कुमार सिंह, महमूद ए रहमान सहित 390 से अधिक प्रदेश के विभिन्न जनपदों के प्रधानाचार्य मौजूद रहे।
तदर्थ प्रधानाचार्य के लिए होगी दक्षता परीक्षा
माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद की ओर से रखे गए प्रस्तावों पर विचार करने का आश्वासन दिया। सदर से प्रधानाचार्य की समस्याओं के संबंध में उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रधानाचार्य के लिए दक्षता परीक्षा आयोजित की जाएगी, जो प्रधानाचार्य दक्ष होंगे वह तदर्थ प्रधानाचार्य के रूप में सेवाएं देते रहेंगे और जो दक्षित नहीं होंगे। उनकी जगह नए प्रधानाचार्यों की शीघ्र ही नियुक्ति कर दी जाएगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया की आकांक्षाएं और समस्याएं दो अलग विषय हैं। सेवा के साथ इन दोनों का होना सामान्य सी बात है। उन्होंने कहा की लंबे समय से नहीं हो रही शुल्क बढ़ोतरी पर विचार किया जाना वर्तमान समय की जरूरत है। विद्यालयों में बिजली भार को कम करने के लिए सोलर प्लांट लगाने, एडेड स्कूलों को पीएम श्री विद्यालयों की तरह बनाने और प्रोजेक्ट अलंकरण में बदलाव की संभावनाओं पर भी विचार करने की उन्होंने सहमति जताई।
