कानपुर : वर्षों बाद मिला न्याय, 124 आवंटी मनाएंगे न्यू ईयर, केडीए में लॉटरी के जरिए हुआ भूखंडों का आवंटन

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Published By Deepak Mishra
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रामगंगा और महावीर विस्तार योजना के विवादित भूखंडों की जगह मिला प्लाट

कानपुर, अमृत विचार। रामगंगा इन्क्लेव और महावीर नगर विस्तार योजना पार्ट-2 के 124 आवंटी इस बार न्यू ईयर मनाएंगे। रामगंगा के 10 वर्ष व महावीर के आवंटी 5 वर्ष से भूखंडों के लिए भटक रहे थे। विशेष कार्याधिकारी मीनाक्षी गुप्ता के कुशल निर्देशन पर महज 4 महीने में ही सभी आवंटियों को विवादित भूखंडों की जगह नए भूखंडों का आवंटन कर दिया गया।

सोमवार को केडीए में लॉटरी के जरिए भूखंडों का आवंटन हुआ। जिसके बाद आवंटियों के चेहरे खिल उठे। केडीए अधिकारी इसे बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। रामगंगा इन्क्लेव 2016 और महावीर नगर विस्तार योजना पार्ट-2 2020 में लांच की गई थी। वर्षों से अपने हक की प्रत्तीक्षा कर रहे आवंटियों के चेहरों पर तब मुस्कान लौट आई जब उनके जटिल विवादों का सोमवार को केडीए ने निस्तारण कर दिया।

जो विवाद 2016 और 2020 से फाइलों में दबे थे, उन्हें न केवल सुलझाया गया, बल्कि सोमवार को पारदर्शी तरीके से लॉटरी प्रक्रिया संपन्न कराई गई। विशेष कार्याधिकारी मीनाक्षी गुप्ता ने बताया कि महावीर नगर विस्तार पार्ट-2 योजना के कुल 877 भूखंडों में से ब्लाक-ए में 52, ब्लाक-बी में 2 व ब्लाक-सी में 48 कुल 102 विवादित भूखंडों का निस्तारण करते हुए, सभी आवंटियों को वैकल्पिक भूखंड आवंटित कर दिए गए। 

इसी तरह रामगंगा इन्क्लेव के 22 विवादित ईडब्लूएस भूखंडों की लॉटरी प्रक्रिया की गई। उन्होंने बताया कि जिन आवंटियों के पास पूर्व में कॉर्नर के भूखंड थे, उन्हें पारदर्शी लॉटरी के माध्यम से कॉर्नर भूखंड ही आवंटित किए गए। उन्होंने बताया कि केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ज्याल के आदेश पर जोन-2 अनुसचिव बलराम, लेखाकार अखिलेश मिश्रा, योजना लिपिक राम केशव, शोभित, अमित, रुचि, सुरेश के सहयोग से आवंटियों को भूखंड दिए गए हैं।

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