बरेली: छूटी प्रयोगात्मक परीक्षा में मोबाइल की रही छूट

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अमृत विचार, बरेली। बरेली कॉलेज समेत तीन महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के छात्रों की गुरुवार को प्रयोगात्मक व मौखिक परीक्षाएं हुईं। बरेली कॉलेज में प्रयोगात्मक परीक्षा में दूसरे दिन भी कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ीं। कई महाविद्यालयों के छात्रों की परीक्षा की वजह से पूरी लैब फुल हो गई। लैब …

अमृत विचार, बरेली। बरेली कॉलेज समेत तीन महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के छात्रों की गुरुवार को प्रयोगात्मक व मौखिक परीक्षाएं हुईं। बरेली कॉलेज में प्रयोगात्मक परीक्षा में दूसरे दिन भी कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ीं। कई महाविद्यालयों के छात्रों की परीक्षा की वजह से पूरी लैब फुल हो गई। लैब में छात्र मोबाइल और किताबों से देखकर प्रयोग कर रहे थे।

चीफ प्रॉक्टर वंदना शर्मा को जब इसका पता चला तो वह भी लैब में पहुंचीं और सभी छात्रों के मोबाइल और बस्ते जमा करके अलग रखवाए। कॉलेज के प्राचार्य डा. अनुराग मोहन ने बताया कि रसायन विज्ञान के प्रयोग में पुस्तक ले जाने पर रोक नहीं है। विश्वविद्यालय ने छूटे हुए छात्रों की (लेफ्ट आउट) प्रयोगात्मक परीक्षा का शेड्यूल जारी किया था। इसके तहत 22, 23 और 24 दिसंबर को प्रयोगात्मक परीक्षाएं रखी गईं। 22 दिसंबर को मुरादाबाद और अमरोहा के महाविद्यालयों में परीक्षाएं हुईं।

दूसरे दिन बरेली कॉलेज में परीक्षाएं हुईं। तीसरे दिन गुरुवार को बरेली कॉलेज में बीएससी और एमएससी पर्यावरण विज्ञान, रसायन विज्ञान, औद्योगिक रसायन, सैन्य अध्ययन व सांख्यिकी की प्रयोगात्मक परीक्षा, बीकॉम, एमकॉम, एमए (भूगोल, गृह विज्ञान, संगीत और मनोविज्ञान को छोड़कर सभी विषयों की मौखिक परीक्षा, बीबीए, बीसीए और एमएसडब्ल्यू की प्रयोगात्मक व मौखिक परीक्षाएं हुईं।

खंडेलवाल कॉलेज में बीएससी व एमएससी गृह विज्ञान, बीए और एमए गृह विज्ञान की मौखिकी व प्रयोगात्मक परीक्षा और साहू राम स्वरूप में महिला महाविद्यालय में बीए और एमए संगीत विषय की परीक्षाएं हुईं। इन परीक्षाओं के लिए करीब तीन हजार छात्रों ने आवेदन किया था। विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों की परीक्षा की वजह से बरेली कॉलेज में काफी संख्या में छात्र पहुंचे। इसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सका। परीक्षा के दौरान किसी भी छात्र का न तो बैग जमा कराया गया था और न ही मोबाइल। रसायन विज्ञान की लैब में छात्र एक-दूसरे से सटकर खड़े थे। कोई पुस्तक से तो कोई मोबाइल से देखकर प्रयोग कर रहा था।

बार-बार तारीख बढ़ी पर नहीं कर सके आवेदन

लेफ्ट आउट प्रैक्टिकल के आवेदन के लिए विश्वविद्यालय की ओर से कई बार तिथि बढ़ाई गई। इसके बावजूद कई छात्र जानकारी न मिलने से आवेदन नहीं कर सके। कई ने आवेदन तो किया लेकिन फीस जमा नहीं कर सके। वहीं कई छात्रों ने फीस तो जमा कर दी लेकिन उन्हें प्रयोगात्मक परीक्षा की तारीख का पता नहीं चल सका। इस तरह की समस्या लेकर परीक्षा के अंतिम दिन गुरुवार को काफी संख्या में छात्र परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार से मिले।

छात्र परीक्षा न दे पाने से परेशान थे। परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि इतनी बार मौका दिया जा चुका है। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि भविष्य में फिर से शेड्यूल जारी कर छूटे हुए छात्रों की प्रयोगात्मक परीक्षा आयोजित की जा सकती है। इसी दौरान एक विश्वविद्यालय परिसर की छात्रा के ऑड सेमेस्टर की प्रयोगात्मक परीक्षा को लेकर छात्र परीक्षा नियंत्रक के पास पहुंचे। कुछ छात्रों ने बहस की तो परीक्षा नियंत्रक ने उन्हें विभागाध्यक्ष के पास जाकर समस्या के समाधान के लिए कहा।

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