कमांडो यूनिट ‘कोबरा’ की ताकत होगी अब दोगुनी, पहली महिला टीम शामिल, नक्सलियों से लेगी लोहा
गुरुग्राम। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 34 महिला कर्मियों की पहली टुकड़ी को जंगल युद्ध में विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो यूनिट ‘कोबरा’ में शामिल किया गया। जिसे शीघ्र ही देश के नक्सल रोधी अभियानों में तैनात किया जाएगा। खुफिया सूचना आधारित जंगल युद्ध अभियानों के लिए 2009 में सीआरपीएफ में कमांडो बटालियन ‘कोबरा’ …
गुरुग्राम। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 34 महिला कर्मियों की पहली टुकड़ी को जंगल युद्ध में विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो यूनिट ‘कोबरा’ में शामिल किया गया। जिसे शीघ्र ही देश के नक्सल रोधी अभियानों में तैनात किया जाएगा। खुफिया सूचना आधारित जंगल युद्ध अभियानों के लिए 2009 में सीआरपीएफ में कमांडो बटालियन ‘कोबरा’ का गठन किया गया था। इसमें अब तक पुरुषकर्मी ही सेवा देते रहे हैं।
कोबरा बटालियन के अधिकतर कमांडो माओवादी हिंसा से प्रभावित विभिन्न राज्यों में तैनात हैं जबकि इसके कुछ कमांडो उग्रवाद रोधी अभियानों के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात हैं। यहां कदारपुर गांव में बल के शिविर में आयोजित एक कार्यक्रम में सीआरपीएफ महानिदेशक ए पी माहेश्वरी ने कमांडो के रूप में चुनी गईं महिलाओं के साहसिक कारनामे देखे। उन्होंने कहा कि लिंग आधारित धारणाओं एवं रूढ़िवादी सोच को पराजित करना अहम है।
सीआरपीएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोबरा बटालियन के लिए ये महिला कर्मी बल की वर्तमान सभी महिला बटालियनों से चुनी गई हैं। प्रवक्ता ने कहा, ”ये महिलाएं पहले तीन महीने के प्रशिक्षण से गुजरेंगी और फिर उन्हें सुकमा, दंतेवाड़ा तथा बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात कोबरा इकाइयों में शामिल किया जाएगा।”
