महिला कर्मचारियों के लिए सरकारी दफ्तरों में बनेंगे फीडिंग रूम

बरेली, अमृत विचार। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं की समस्याओं के लिए थानों में महिला हेल्प डेस्क बनायी गई हैं। अब महिला पुलिसकर्मी व अन्य महिला कर्मचारियों के लिए भी सरकारी दफ्तरों में वीमेन हेल्प डेस्क बनायी जाएंगी। इन हेल्प डेस्क में महिला कर्मचारियों के लिए फीडिंग रूम के अलावा कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्मार्ट …
बरेली, अमृत विचार। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं की समस्याओं के लिए थानों में महिला हेल्प डेस्क बनायी गई हैं। अब महिला पुलिसकर्मी व अन्य महिला कर्मचारियों के लिए भी सरकारी दफ्तरों में वीमेन हेल्प डेस्क बनायी जाएंगी। इन हेल्प डेस्क में महिला कर्मचारियों के लिए फीडिंग रूम के अलावा कई सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
स्मार्ट सिटी योजना और मिशन शक्ति के तहत एसएसपी ऑफिस, पुलिस लाइंस, कोतवाली, कलेक्ट्रेट व अन्य सरकारी दफ्तरों में वीमेन हेल्प डेस्क के जिए जगह चिन्हित की जा रही हैं। स्मार्ट सिटी से जुड़े पदाधिकारियों ने एसपी ट्रैफिक से पुलिस लाइंस व एसएसपी ऑफिस में जगह उपलब्ध कराने के लिए संपर्क किया है। जगह मिलने पर प्रोजेक्ट तैयार कर काम शुरू कर दिया जाएगा।
स्मार्ट सिटी योजना और मिशन शक्ति के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया है कि सभी सरकारी दफ्तरों में महिला कर्मचारियों की आवश्यकता अनुसार वीमेन हेल्प डेस्क की स्थापना की जाएगी। महिला कर्मचारियों को काम करते वक्त किसी तरह की परेशानी न हो खासकर उन्हें जिनके बच्चे होते हैं। इसी के लिए इसकी व्यवस्था की जा रही है।
वीमेन हेल्प डेस्क के तहत वेटिंग या रेस्टिंग एरिया, टायलेट विद सेनेट्री पेड डिस्पेंसर एंड इंसीनरेटर, क्रेच या प्ले एरिया, फीडिंग रूम, स्टोरेज लॉकर व अटेंडेंट भी होगा। फीडिंग रूम न होने से महिला कर्मचारियों को काफी दिक्कत होती थी। इसके अलावा लॉकर में वह अपना सामान भी सुरक्षित रख सकेंगी। वीमेन हेल्प डेस्क के लिए कम से कम 5 वर्ग मीटर की जगह चाहिए है। इससे ज्यादा जगह में भी वीमेन हेल्प डेस्क बनायी जा सकती है। कोतवाली में जगह चिन्हित कर ली गई है।
एसएसपी ऑफिस व पुलिस ऑफिस में जगह एसपी ट्रैफिक को चिन्हित करनी है। एसपी ने एजेंसी के स्टॉफ को पूरे प्रोजेक्ट की डिटेल मांगी और पूछा है कि अधिक से अधिक कितने एरिया में इसे बना सकते हैं। उसके बाद जगह भी दे दी जाएगी। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि पुलिस लाइंस में वीमेन हेल्प डेस्क बनने से काफी फायदा होगा। लॉकर बनने से महिलाओं का सामान भी सुरक्षित रहेगा।