हल्द्वानी: जंगल की आग पर होगी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

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अंकुर शर्मा, हल्द्वानी। उत्तराखंड के जंगलों में बेकाबू होती आग पर वायुसेना की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ होगी। वायुसेना जिस एमआई-17 हेलीकॉप्टर से जंगलों की आग बुझाएगी उसका इस्तेमाल पीओके में की गई सर्जिकल स्ट्राइक में भी उपयोग किया गया था। अधिकारिक जानकारी के अनुसार 18 सितंबर 2016 को जम्मू कश्मीर के उड़ी सेक्टर में स्थित भारतीय …

अंकुर शर्मा, हल्द्वानी। उत्तराखंड के जंगलों में बेकाबू होती आग पर वायुसेना की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ होगी। वायुसेना जिस एमआई-17 हेलीकॉप्टर से जंगलों की आग बुझाएगी उसका इस्तेमाल पीओके में की गई सर्जिकल स्ट्राइक में भी उपयोग किया गया था।

अधिकारिक जानकारी के अनुसार 18 सितंबर 2016 को जम्मू कश्मीर के उड़ी सेक्टर में स्थित भारतीय सेना के मुख्यालय पर हमला हुआ था। इस हमले में सेना के 16 जवान शहीद हो गए थे जबकि चार आंतकी मार गिराए गए थे।

इस हमले के एवज में भारतीय सेना ने 10 दिन बाद 28 सितंबर को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक में चार एमआई-17 हेलीकॉप्टर इस्तेमाल किए गए थे। इन हेलीकॉप्टरों में 60 भारतीय सैनिकों  ने सरहद पार जा कर आतंकी ठिकानों को नेस्तानाबूद किया था। वायुसेना के पसंदीदा विमानों में से एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर है।

इसकी खूबी यह है कि इसकी बड़ी चेन से सैनिकों को चढ़ने उतरने में मदद मिलती है। ऊंचाई वाले इलाकों में इसका इंजन अच्छा काम करता है। नेविगेशन और बर्फ पिघलने वाले उपकरणों की मदद से यह हेलीकॉप्टर किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है। इधर उत्तराखंड में करीब 69 फीसदी भूभाग पर जंगल हैं। ऐसे में जंगलों की आग बेकाबू होना किसी युद्ध से कम नहीं है। ऐसे में सेना का बेहतरीन विमानों में से एक हेलीकॉप्टर होने से आग बुझाने में कामयाबी मिलेगी। केंद्र से हेलीकॉप्टर मिलने के खबर के बाद प्रदेशवासियों में भी खासा उत्साह है।

 

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