मुरादाबाद: करियर के विकल्प के रूप में उद्यमिता अपनाएं युवा- प्रो. अग्रवाल
मुरादाबाद, अमृत विचार। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से उद्यमिता विषय पर ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें 20 से अधिक देशों के नामचीन शिक्षाविदों और उद्यमियों ने अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एनबीए के अध्यक्ष एवं जीजीएसआईपी विश्वविद्यालय के संस्थापक/वीसी प्रोफेसर केके अग्रवाल …
मुरादाबाद, अमृत विचार। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से उद्यमिता विषय पर ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसमें 20 से अधिक देशों के नामचीन शिक्षाविदों और उद्यमियों ने अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एनबीए के अध्यक्ष एवं जीजीएसआईपी विश्वविद्यालय के संस्थापक/वीसी प्रोफेसर केके अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को करियर के विकल्प के रूप में उद्यमिता लेने के लिए प्रेरित करना है। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रव्यापी संकाय सदस्यों को नौकरी खोजने के बजाय उद्यमी बनाने में सहायता की जाएगी।
तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह ने उद्यमिता की विभिन्न विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उद्यमिता मूल्य का सृजन या निष्कर्षण है। मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कारक अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि लोगों को प्रेरित करने के लिए केवल एक कारक पर्याप्त नहीं हो सकता।
आगे कहा कि उच्च उपलब्धि हासिल करने वाले व्यक्ति सही भावना के साथ सही दिशा में काम करते हैं। विश्वविद्यालय के संस्थापक वीसी और चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरके मित्तल ने कहा कि यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने कहा कि तकनीकी उद्यमिता एक प्रौद्योगिकी उद्यम शुरू करने से जुड़े अवसरों और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिजाइन की गई है। डॉ. सतीश सिंह, डॉ. रजत अग्रवाल, डॉ. विवेक श्रीवास्तव, प्रो. जैनुल ए जाफरी, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अशोक कुमार दीक्षित, डॉ. विवेक श्रीवास्तव, डॉ. शक्ति कुमार, डॉ. आदित्य शर्मा प्रो. मंजुला जैन, डॉ. गरिमा गोस्वामी, डॉ. पंकज गोस्वामी, डॉ. गुलिस्ता खान, प्रो. आर जैन आदि उपस्थित रहे।
ख़ास बातें
-एफडीपी में देशभर के 200 फैकल्टी ने की शिरकत
-एफडीपी का मकसद फैकल्टी को उद्यमी बनाने में मदद करना : प्रो. अग्रवाल
-टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह बोले, उपलब्धि, शक्ति और संबद्धता को पहचानें
-प्रो. मित्तल बोले,ऑनलाइन एफडीपी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी
-डॉ. चौहान ने कहा, तकनीकी उद्यमिता एक प्रौद्योगिकी उद्यम शुरू करने से जुड़े अवसरों और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए की गई डिज़ाइन।
-डॉ. सतीश सिंह ने उद्यमिता में इंक्यूबेटर्स के रोल को सहजता से समझाया
-डॉ. रजत अग्रवाल ने कॉपीराइट और पेटेंट को लेकर डाला विस्तार से प्रकाश
-डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने सौर मंडल के अपने अनुभव किए साझा
-टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा बोले, कोविड काल में एफओईसीएस ने लर्निंग के नए द्वार
-एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन के उद्यमिता की आर्थिक विशेषताओं को समझाया
-प्रो. आरके द्विवेदी बोले, सफलता के लिए खुद पर विश्वास जरूरी
