मुरादाबाद : कोरोना महामारी में नहीं हारी हिम्मत, प्रतिदिन कमा रहे हैं इतने हजार

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

मुरादाबाद, अमृत विचार। बीते वर्ष कोरोना महामारी से लगे लाकडाउन में अधिकतर लोगों का रोजगार छिन गया था। ऐसे में लोगों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। किसी का व्यापार ,तो किसी की नौकरी चली गई। इसके चलते लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। लेकिन, शहर के कुछ लोगों ने कोरोना महामारी को …

मुरादाबाद, अमृत विचार। बीते वर्ष कोरोना महामारी से लगे लाकडाउन में अधिकतर लोगों का रोजगार छिन गया था। ऐसे में लोगों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। किसी का व्यापार ,तो किसी की नौकरी चली गई। इसके चलते लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। लेकिन, शहर के कुछ लोगों ने कोरोना महामारी को अवसर में बदल दिया। दिल्ली रोड स्थित अस्पतालों के बाहर ये लोग चाय व अन्य चीजों की दुकानें लगा रहे हैं। इन दुकानों से वे हर रोज औसतन तीन से पांच हजार रुपये तक कमा रहे हैं।

इन लोगों में से कोई फैक्ट्री, बैंक तो कोई ऑटोमोबाइल के शोरूम पर लंबे समय से काम करता आ रहा था। लेकिन, कोरोना ने इनकी जिदंगी पर ऐसा हाथोड़ा चलाया कि इनकी नौकरी ही चली गई। इसके बाद इन लोगों को कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ा। अब ये लोग चाय की दुकान लगाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। चाय व अन्य चीजों की दुकान खोल हर रोज औसतन तीन से पांच हजार रुपये तक ये लोग कमा रहे हैं। इन दुकानदारों का कहना है कि नौकरी से जितना कमा पाते थे, उससे दोगुना कमाई अब हो रही है।

बोले दुकानदार

पहले मैं निजी बैंक में काम करता था। किन्हीं कारणवश काम छोड़ना पड़ा। उसके बाद आटोमोबाइल कंपनी में नौकरी की, जोकि कोरोना के कारण लगे लाकडाउन की भेंट चढ़ गई। उसके बाद से चाय की दुकान लगा रहा हूं। फिलहाल हर रोज तीन हजार रुपये तक कमा लेता हूं। -अमित कुमार, लाकड़ी फाजलपुर

फैक्ट्री में ठेकेदारी का काम करता हूं। लाकडाउन में काम न होने की वजह से अब अस्पताल के सामने दुकान लगाना शुरू की है। इसके बाद से प्रतिदिन लगभग दो हजार रुपये प्रतिदिन कमा लेता हूं। पहले हर माह मात्र 15 से 20 हजार रुपये ही कमा पाता था। -संजीव गुप्ता, निवासी मझोली

पहले हमारी किराना की दुकान थी। लाकडाउन में बंद रहने की वजह से आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। अब जब से अस्पताल के पास चाय की दुकान लगाई है। उसके बाद हर दिन तीन से पांच हजार कमा लेता हूं। -कपील श्रीवास्तव, निवासी हजरतनगर गढ़ी

 

संबंधित समाचार