हल्द्वानी: क्वारब पुल क्षतिग्रस्त, यात्रियों और वाहन चालकों की फजीहत
हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल-अल्मोड़ा सीमा पर सुयाल नदी में बना ऐतिहासिक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इसके चलते मार्ग पर यातायात रोकना पड़ा। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जाने वाले वाहनों को खैरना से डायवर्ट कर वाया रानीखेत भेजा गया। इससे वाहनों को अतिरिक्त 35 किमी का फेरा लगाना पड़ा। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद …
हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल-अल्मोड़ा सीमा पर सुयाल नदी में बना ऐतिहासिक पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इसके चलते मार्ग पर यातायात रोकना पड़ा। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जाने वाले वाहनों को खैरना से डायवर्ट कर वाया रानीखेत भेजा गया। इससे वाहनों को अतिरिक्त 35 किमी का फेरा लगाना पड़ा।
वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद अस्तित्व में आए खैरना-अल्मोड़ा मार्ग पर क्वारब में पुल बनाया गया था। वर्षो पुराना पुल क्षतिग्रस्त होने के मुहाने पर है। पुलिस की हालत लगातार बिगड़ रही है। पिलरों के कमजोर होने के साथ रैंप भी खतरे में है। सोमवार रात हुई भारी बारिश के बाद मंगलवार सुबह पुल के बीच में गड्ढा बन गया।
वाहनों के लिए खतरे को देखते हुए स्थानीय लोगों ने चौकी पुलिस को सूचना दी। एनएच को इसकी जानकारी देने के साथ ही पुलिस ने सुबह आठ बजे से एहतियातन पुल पर वाहनों की आवाजाही रोक दी। इसके बाद मार्ग पर यातायात डायवर्ट कर दिया गया। खैरना बैरियर से वाहनों को वाया रानीखेत तथा अल्मोड़ा की ओर से भी वाया रानीखेत होते हुए डायवर्जन किया गया। इससे मालवाहक वाहनों, यात्री वाहन चालकों और यात्रियों को परेशानी और फजीहत का सामना करना पड़ा।
यात्रा में ज्यादा समय और धन खर्च करना पड़ा। वाहन चालकों को वाया रानीखेत होते हुए आवाजाही में 35 किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी। इधर, मौके पर पहुंची एनएच की टीम ने क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत की कवायद शुरू कर दी।
गौरव
