बरेली: आंगनबाड़ी की दीवारें पेंटिंग से देंगी शिक्षा का माहौल
बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर थम चुकी है। तीसरे लहर की संभावना जताई जा रही है। शैक्षिक संस्थान कब खुलेंगे, अभी इसकी स्थिति सरकार ने साफ नहीं की है। इन सबके बीच बाल विकास विभाग ने जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों को दुरुस्त कराने की कवायद शुरू कर दी है। केंद्रों को दुरुस्त कर रंगाई-पुताई …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना की दूसरी लहर थम चुकी है। तीसरे लहर की संभावना जताई जा रही है। शैक्षिक संस्थान कब खुलेंगे, अभी इसकी स्थिति सरकार ने साफ नहीं की है। इन सबके बीच बाल विकास विभाग ने जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों को दुरुस्त कराने की कवायद शुरू कर दी है। केंद्रों को दुरुस्त कर रंगाई-पुताई से चमकाने का काम चल रहा है। दीवारों पर पेटिंग कर शिक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। कई केंद्रों को प्ले स्कूल की तर्ज पर चलाने की योजना भी विभाग बना चुका है।
सरकारी अभिलेखों में जिले में 2857 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें से शहरी क्षेत्र में करीब 150 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें अधिकांश किराए के भवन में संचलित हैं। बाकी ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे हैं। अफसरों का कहना है कि शासन के निर्देश पर कायाकल्प योजना के तहत ग्राम पंचायतों में ग्रामीण क्षेत्र के दयनीय स्थिति वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की दीवारों को पेंट कर आकर्षित बनाया जा रहा है।
70 फीसदी से अधिक केंद्रों को दुरुस्त करने का विभाग दावा कर रहा है। केंद्रों की दीवारों पर शिक्षा से संबंधित पेंटिंग की गई है। हिन्दी व अंग्रेजी की वर्णमाला, गिनती, पहाड़े आदि दीवारों पर लिखे गए हैं। इसके अलावा कोविड के प्रति भी जागरूकता के मैसेज लिखे जाएंगे। कुल मिलाकर वॉलपेंटिंग के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाई का माहौल बनाया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. आरबी सिंह का कहना है कि पहले जो आंगनबाड़ी केंद्र बदहाल नजर नहीं आते थे। अब उन्हें रंगाई-पुताई व वॉलपेंटिंग से आकर्षित बनाया जा रहा है। बच्चों की सुविधा के लिए कुर्सियां व अन्य सामान उपलब्ध कराने की कवायद तेज कर दी गई है। इतना ही नहीं अब आंगनबाड़ी कार्यकत्री अपनी मर्जी से केंद्र को बंद नहीं कर सकती हैं। उन्हें हर रोज केंद्र खोलकर बच्चों को पढ़ाना होगा।
