बरेली: डूडा के शिविर में बदइंतजामी, स्टेज पर चढ़ी भीड़ को खदेड़ा

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बरेली, अमृत विचार। पथ विक्रेताओं को 10 हजार रुपये का कर्ज देने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के लगाए गए शिविर में मंगलवार को अव्यवस्थाएं हावी रहीं। सही से जानकारी न मिल पाने और उनकी लोन संबंधी औपचारिकता पूरी न होने से पथ विक्रेताओं को काफी परेशानी हुई। …

बरेली, अमृत विचार। पथ विक्रेताओं को 10 हजार रुपये का कर्ज देने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के लगाए गए शिविर में मंगलवार को अव्यवस्थाएं हावी रहीं। सही से जानकारी न मिल पाने और उनकी लोन संबंधी औपचारिकता पूरी न होने से पथ विक्रेताओं को काफी परेशानी हुई। ऐसे में कोरोना गाइडलाइन भी तार-तार हो गई। भीड़ कई बार अनियंत्रित होकर स्टेज तक चढ़ गई। ऐसे में कई बार नगर निगम के प्रवर्तन दल के जवानों को व्यवस्था बनाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उन्हें लोगों को खदेड़कर बाहर भी करना पड़ा। अव्यवस्थाओं से परेशान पथ विक्रेताओं का सब्र भी टूटा और उन्होंने कई बार हंगामा भी किया।

डूडा की ओर से लगाए जाने वाले इन शिविरों में पहले भी बदइंतजामी का बोलबाला रहा है। ऐसे में कोरोना की वजह से आर्थिक तंगी का शिकार बड़ी संख्या में पथ विक्रेताओं को ब्याज रहित 10 हजार रुपये के लोन की सुविधा नहीं मिल सकी थी। डूडा की ओर से मंगलवार से फिर से दो दिवसीय स्वनिधि योजना के तहत शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें जिन पथ विक्रेताओं को पहले 10 हजार का लोन नहीं मिला है, उनके आवेदन पर पुनर्विचार करना था।

साथ ही जिन लोगों ने पूर्व में मिले लोन का समय से चुकता कर दिया है, उन्हें 20 हजार रुपये का और लोन दिया जाना था। इसके लिए विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ डूडा के परियोजना अधिकारी शैलेंद्र भूषण और अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह भी मौजूद थे लेकिन इस शिविर में अव्यवस्थाएं सुबह से ही दिखाई देनी शुरू हो गईं।

यहां जानकारी देने के लिए बनाए गए काउंटरों पर पथ विक्रेताओं के लोन की स्वीकृति करना तो दूर यह भी जानकारी नहीं मिल पा रही थी कि दुकानदारों ने पूर्व में जो आवेदन किए थे, उनका निस्तारण अब तक क्यों नहीं हो सका है‌? ऐसे में गर्मी में परेशान बड़ी संख्या में दुकानदारों ने कई बार संजय कम्युनिटी हाल में अधिकारियों के लिए बने स्टेज पर भी चढ़ने की कोशिश की। लोगों ने जानकारी पाने के लिए कोरोना के खतरे को दरकिनार करके एक-दूसरे से खूब धक्का मुक्की की।

अव्यवस्थाएं होती देख कई बार नगर निगम के प्रवर्तन दल के जवानों को बलपूर्वक दुकानदारों को हाल से बाहर खदेड़ना पड़ा। इस वजह से नाराज दुकानदारों ने हंगामा भी किया। सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगाए गए इस शिविर में दिनभर यही चलता रहा।

आए थे लोन पास कराने, मायूस होकर लौटे
इस शिविर का मकसद यही था कि पथ विक्रेताओं की सारी औपचारिकता एक ही काउंटर पर पूरी कराकर उनके 10 व 20 हजार के लोन की स्वीकृति तत्काल मिल जाए। इसलिए बैंकों के प्रतिनिधियों के लिए काउंटर भी बनवाए गए थे लेकिन बैंक का स्टाफ यह नहीं बता पा रहा था कि लाभार्थियों का लोन क्यों पास नहीं हो सका है? इस वजह से बड़ी संख्या में पथ विक्रेता मायूस होकर वापस लौट गए। बुधवार को भी इस शिविर का आयोजन होना है।

700 से ज्यादा आवेदन स्वीकृत होने का दावा
डूडा व नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि शिविर में 700 से ज्यादा पथ विक्रेताओं के लोन स्वीकृत हुए हैं लेकिन इसकी सही सूचना क्या है, यह विभाग के पोर्टल पर अपलोड होने के बाद ही पता चल सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को लाभान्वित करने की कोशिश चल रही है।

डूडा और बैंकों के चक्कर काटते रहे हारे लाभार्थी
शिविर में आए बड़ी संख्या में लाभार्थियों का कहना था कि उन्होंने करीब चार महीने पहले लगाए गए स्वनिधि कैंप में 10 हजार रुपये के लोन के लिए आवेदन किया था। सारे कागज पूरे होने के बाद भी उन्हें अब तक लोन नहीं मिला है। इस बीच वे डूडा दफ्तर और बैंकों के न जाने कितने चक्कर काट चुके हैं।

शिविर पथ विक्रेताओं के लिए लगाया गया था। यहां काफी भीड़ होने की वजह से व्यवस्थाएं संभाल पाना कठिन हो गया था। फिर भी बड़ी संख्या में आवेदन पास हुए हैं। -शैलेंद्र भूषण, परियोजना अधिकारी, डूडा

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