safai karmi nandlal

रायबरेली : अधूरी रह गई पेंशन की आस, पालिका की सीढ़ियों पर ली अंतिम सांस

रायबरेली, अमृत विचार। पेंशन की आस लिए हर दिन कार्यालय पहुंचता, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। देखते-देखते दो साल बीत गए। बाबूओं की झल्लाहट तो कभी अफसरों की फटकार। हर बार उसे दुत्कार ही मिला। आखिरकार पेंशन की आस...
उत्तर प्रदेश  रायबरेली