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अटल विद्यालयों में ड्रोन से लेकर स्पेस साइंस तक का मिलेगा प्रशिक्षण...  मिशन मोड में होगा क्रियान्वयन, 6 महीने में सभी स्कूलों में होगी लैब
Republic Day celebration: गणतंत्र दिवस परेड में निकलेगी बुंदेलखंड की झांकी..., दिखेगा शौर्य और संस्कृति का संगम
अहमदाबाद हादसे से इंडिगो संकट तक... भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए चुनौतियों भरा रहा पूरा साल रहा 2025
वाराणसी रेंज में पहली बार शुरू हुई व्हाट्सएप ‘बॉट’ सेवा, अब गुमनाम तरीके से दें अपराध की खबर
लखनऊ विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक उपलब्धि: तंजानिया के शोधार्थी को भारत-तंजानिया माध्यमिक शिक्षा पर रिसर्च के लिए मिली पहली अंतरराष्ट्रीय PhD

Guru Teg Bahadur

गुरु तेग बहादुर के आदर्श आज भी प्रासंगिक: सतीश शर्मा

रामसनेहीघाट/बाराबंकी, अमृत विचार। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंध सभा रामसनेहीघाट के तत्वावधान में सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज सुमेरगंज में गुरु तेग बहादुर साहेब जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप...
उत्तर प्रदेश  लखनऊ  बाराबंकी 

PM Modi Haryana Visit : कुरुक्षेत्र में बोले पीएम मोदी- गुरु तेग बहादुर साहिब की शिक्षा हमारे लिए प्रेरणा

कुरुक्षेत्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुओं की सीख को व्यक्तिगत व्यवहार में शांति, देश की नीतियों में संतुलन और समाज में विश्वास का आधार बनाये जाने का आह्वान करते हुए कामना की है कि उनके संदेश भारत की प्रगति और...
Top News  देश 

Prakash Parv : धूमधाम से मनाया गया गुरु तेग बहादुर का प्रकाश पर्व

Prakash Parv 2025 : गुरुद्वारा लाजपत नगर में शुक्रवार को धर्म एवं मानवता के रक्षक 'हिन्द दी चादर' सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर का प्रकाश पर्व बहुत धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर...
उत्तर प्रदेश  बाराबंकी  धर्म संस्कृति 

कानपुर: गुरु तेग बहादुर के शहीदी पर्व पर दिखा आस्था और सेवा का संगम, कीर्तन सुन निहाल हुए भक्त 

कानपुर। श्री गुरु तेग बहादुर साहब का शहीदी पर्व पर रविवार को मोतीझील में मनाया गया। पर्व में आस्था और सेवा का संगम रहा। समारोह में शबद, कीर्तन के बीच गुरुवाणी सुन भक्त निहाल हुए। इस दौरान हुए लंगर में...
उत्तर प्रदेश  कानपुर  कानपुर देहात  

मृत्यु-दर्शन को नई ऊंचाईयां देने वाले गुरु तेग बहादुर

गुरु -गद्दी उसके लिए प्रयास करने वाले को नहीं मिलती थी। यह चल कर सुयोग्य के पास स्वत: आती थी। प्राय: दो सौ साल की कालावधि में सभी गुरु नानक बाबा के विचार- दर्शन पर ही चले। गुरु बादशाह या राजा- महाराजा के दरबार नहीं जाते थे, वे ही गुरुओं के पास आते थे। उत्तराधिकारी …
इतिहास