स्पेशल न्यूज

प्रीपेड कनेक्शन फिर भी बना दिया हजारों का बकायेदार... पावर कारपोरेशन कर्मियों की कारगुजारी पड़ रही उपभोक्ताओं पर भारी
यूपी बनेगा भारत का सेमीकंडक्टर हब: OSAT यूनिट से मिलेगी रफ्तार, HCL-फॉक्सकॉन की 3706 करोड़ की मेगा परियोजना होगी ग्राउंड पर
नए साल में यूपी के युवाओं के लिए बंपर खुशखबरी: 1.5 लाख सरकारी नौकरियां आने वाली हैं, योगी सरकार ने बनाया रिकॉर्ड तोड़ प्लान
रोजगार सृजन कर रही खादी... यूपी खादी एवं ग्रामोद्योग की 10 दिवसीय प्रदर्शनी की हुई शुरुआत
कभी कूड़ा होता था डंप आज बना प्रेरणा स्थल...वर्षों पुरानी समस्या का हुआ समाधान, PM मोदी की स्वच्छ भारत मिशन की भावना साकार

Sardar Bhagat Singh

सरदार भगत सिंह की जयंती आज: प्रधानमंत्री मोदी और CM योगी समेत कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि, जानें किसने क्या कहा...

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य, ब्रजेश पाठक, देश के गृहमंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने शनिवार को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की...
Top News  देश 

सरदार भगत सिंह के कनपुरिया साथी बटुकेश्वर दत्त 

अनूप शुक्ल/ महामंत्री/कानपुर इतिहासकार समिति/ बटुकेश्वरदत्त का जन्मस्थान कानपुर ही है। उनके पिता श्री गुष्टो बाबू (गोष्ठ बिहारी दत्त) कुरसवाँ मे रहते थे और डा. गंगोली के दवाखाने के मैनेजर थे। ( जिनके बारे मे प्रसिद्ध था कि ~~ डा....
इतिहास 

बरेली: दिल्ली में नवाजिश ने बरेली का नाम किया रोशन

बरेली, अमृत विचार। सरदार भगत सिंह के बलिदान दिवस पर दिल्ली के बदरपुर बार्डर स्थित अगरेशन बारात घर में बुधवार को हुई बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में जिले के नवाजिश अजहरी ने पहला स्थान प्राप्त कर बरेली का नाम रोशन किया है। उन्होंने जीत का श्रेय गुरु राजू पाल को दिया है। शहर आने पर उनका …
उत्तर प्रदेश  बरेली 

सरदार भगत सिंह के विचारों को आगे बढ़ाना स्वागत योग्य कदम : सन्धू

सहारनपुर। शहीदे-आजम सरदार भगत सिंह के भतीजे किरणजीत सिंह सन्धू ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान का शहीदे-आजम भगत सिंह के विचारों को लेकर आगे बढ़ाने का बयान निश्चित ही स्वागत योग्य है। जैन कालेज रोड पर प्रद्युमन नगर स्थित अपने आवास पर यूनीवार्ता से बातचीत में 64 वर्षीय किरणजीत सिंह …
उत्तर प्रदेश  सहारनपुर 

शहीद दिवस विशेष: अंग्रेज भी खाते थे खौफ, कुछ ऐसे थे शहीद-ए-आजम भगत सिंह

शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के साथ दिक्कत है। हर संप्रदाय, जाति, प्रदेश, धर्म, राजनीतिक दल, आर्थिक व्यवस्था को उन्हें पूरी तौर पर अपनाने से परहेज है। उनके चेहरे की सलवटें अलग अलग तरह के लोगों के काम आ जाती हैं। वे उसे ही भगत सिंह के असली चेहरे का कंटूर घोषित करने लगते हैं। उनका …
इतिहास