बरेली: 50 साल का पुस्तकालय बना खंडहर, महंगी किताबों में लगी दीमक
बरेली, अमृत विचार। शहर के नॉवल्टी चौराहे के पास स्थिति लगभग 50 वर्ष पुराना नगर निगम का पुस्तकालय खंडहर हो चुका है। पुस्तकालय में रखी महंगी किताबें दीमक लगने की वजह से बर्बाद हो रही हैं। लंबे समय से यहां पुस्तकों का संग्रह ही नहीं किया गया है। पुस्तकालय के नाम पर केवल कुछ मैगजीन …
बरेली, अमृत विचार। शहर के नॉवल्टी चौराहे के पास स्थिति लगभग 50 वर्ष पुराना नगर निगम का पुस्तकालय खंडहर हो चुका है। पुस्तकालय में रखी महंगी किताबें दीमक लगने की वजह से बर्बाद हो रही हैं। लंबे समय से यहां पुस्तकों का संग्रह ही नहीं किया गया है। पुस्तकालय के नाम पर केवल कुछ मैगजीन और अखबार आते हैं। पुस्तकें न होने से यहां इक्का-दुक्का ही पाठक आ रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत इस पुस्तकालय के कायाकल्प का काम चल रहा है। इस वजह से लंबे समय से यह पुस्तकालय खुल भी नहीं रहा है।
वर्ष 1972 में नॉवल्टी चौराहे के पास नगर निगम ने अपने भवन के एक हिस्से में पुस्तकालय का निर्माण कराया गया था, ताकि शहर के युवा पुस्तकालय जाकर अपने रुचि अनुसार किताबों को पढ़ सकें। पुस्तकालय निगम के भवन में संचालित हो रहा है, इसलिए इस पुस्तकालय के देखरेख की जिम्मेदारी भी निगम की ही है, लेकिन देखरेख के अभाव में शहर के सबसे पुराने पुस्तकालय की हालत दिनों-दिन जर्जर हो गई है और यह खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। निगम का ध्यान भी इस ओर आकर्षित नहीं हुआ।
इसका नतीजा यह रहा कि पुस्तकालय में संग्रहित करीब 350 पुस्तकों में दीमक लग गयी और छत की सीलिंग भी धीरे-धीरे कर गिरने लगी है। इससे यह पुस्तकालय किसी खंडहर से कम नजर नहीं आ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस पुस्तकालय का कायाकल्प कराया जा रहा है। इसलिए अभी यह पुस्तकालय खुल भी नहीं रहा है। कोरोना काल के दौरान लाइब्रेरियन का काम देख रहे कर्मचारी के निधन होने के बाद अब यहां सिर्फ दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही बचे हैं। इससे पुस्तकालय का संचालन बंद है। अधिकारियों का कहना है कि स्मार्ट सिटी के काम कराने के बाद पुस्तकालय का नियमित संचालन होगा।
डिजिटल लाइब्रेरी के शुरू करने का इंतजार
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम ने लाइब्रेरी शुरू करने की तैयारी की थी, क्योंकि अब इंटरनेट के युग में लोग ऑनलाइन पढ़ाई को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। पहले डिजिटल लाइब्रेरी के लिए शासन की ओर से दो करोड़ रुपए का बजट मिलने की बात सामने आई थी। अधिकारियों का कहना था कि स्मार्ट सिटी की टीम एक सॉफ्टवेयर विकसित करेगी, जिस पर बुक्स स्टोर की जाएंगी।
नगर निगम प्रशासन ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल लाइब्रेरी का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। जिससे लोगों को प्राइमरी से लेकर आईएएस तक की किताबें पढ़ने के लिए मिलेंगी। साथ ही इंजीनिरिंग, मेडिकल और दूसरी महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं की भी किताबें मिल सकें लेकिन इसका संचालन अब सुचारू रूप से नहीं हो सका है।
नगर निगम लाइब्रेरी के भवन का स्मार्ट सिटी के तहत कायाकल्प करा रहा है। इसलिए अभी उसका संचालन प्रभावित है। स्मार्ट सिटी का काम होते ही पुस्तकालय का विधिवत संचालन प्रारंभ हो जाएगा। -ललतेश सक्सेना, पुस्तकालय प्रभारी, नगर निगम
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