प्रखर ने आईएएस में 29वीं रैंक पाकर रामपुर का किया नाम रोशन

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रामपुर, अमृत विचार। सीआरपीएफ रामपुर के सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर केदार सिंह के बेटे प्रखर कुमार सिंह ने आईएएस में 29वीं रैंक पाकर रामपुर का नाम रोशन किया है। प्रखर की माता सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत हैं। आगापुर कर्बला के निकट सीआरपीएफ केंद्र के पीछे स्थित कालोनी निवासी केदार सिंह सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर …

रामपुर, अमृत विचार। सीआरपीएफ रामपुर के सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर केदार सिंह के बेटे प्रखर कुमार सिंह ने आईएएस में 29वीं रैंक पाकर रामपुर का नाम रोशन किया है। प्रखर की माता सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत हैं। आगापुर कर्बला के निकट सीआरपीएफ केंद्र के पीछे स्थित कालोनी निवासी केदार सिंह सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में सब इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत थे। सीआरपीएफ के कम्पोजिट अस्पताल में क्लर्क रहे। इसके पश्चात वीआरएस ले लिया और ठेकेदारी शुरू कर दी।

प्रखर कुमार सिंह ने वर्ष 2015 में दयावती मोदी एकेडमी से वर्ष 2015 में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। गणित में शत-प्रतिशत अंक पाकर प्रखर ने 98.2 प्रतिशत अंकों के साथ जिले में प्रथम स्थान पाया। इसके बाद प्रखर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक डिग्री की हासिल की।

आईआईटी बाम्बे में इंडियन एकेडमी ऑफ साइंस समर रिसर्च फैलोशिप के लिए हुआ। आईयूएसएसटीएफ वाइटरबी इंडिया प्रोग्राम 2018 के तहत पूरे भारत से 20 बच्चों में प्रखर का नाम भी शामिल था। जिसके बाद प्रखर अमेरिका लॉसएंजिल्स की यूनीवर्सिटी ऑफ सर्दन कैलीफोर्निया में समर रिसर्च इंटर्नशिप के लिए गए।

आईआईटी लखनऊ में इंटरर्नशिप की। प्रखर कुमार सिंह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और बहन शुचि को देते हैं। पिता केदार सिह भी बहुत खुश हैं और लोगों के फोन अटैंड कर रहे हैं। इससे पहले प्रखर कुमार सिंह ने यूपीपीएस में आल इंडिया 19वीं रैंक हासिल कर एसडीएम पद पर कार्यरत थे। कहते हैं कि इंसान को हमेशा अपनी तरक्की के बारे में सोचते रहना चाहिए।

प्रखर ने दुनिया में रामपुर का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। हमें अपने स्टूडेंट पर गर्व है, प्रखर परीक्षा देने के बाद बता देता था कि उसके कितने अंक आएंगे। एक बार कापी चेक में गड़बड़ी हुई और उसको नंबर कम मिले।

प्रखर की मांग पर कापी को रिचेक कराया गया और वह जितने नंबर कह रहा था उसे उस विषय में उतने ही नंबर मिले। प्रखर में यह गुण था कि वह अपने आने वाले मार्क्स के बारे में पहले ही बता देता था। उसके पिता अच्छे मोटीवेटर बने और प्रखर बुलंदियों की ओर बढ़ता गया। -डा. सुमन तोमर, प्रधानाचार्य दयावती मोदी एकेडमी रामपुर

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