पीलीभीत: अब बिलसंडा में खेतों में जलाई गई पराली

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बिलसंडा, अमृत विचार। पराली जलाने की घटनाएं नहीं रूक सकी है। पूरनपुर, अमरिया के बाद अब बिलसंडा में पराली जलाई गई। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस गांव ताजपुर में पहुंची और जानकारी जुटाई। किसानों को अफसर-कर्मचारी जागरूक कर रहे हैं, मगर घटनाएं भी सामने आ रही है।किसान नेताओं ने किसानों पर की जा रही कार्रवाई …

बिलसंडा, अमृत विचार। पराली जलाने की घटनाएं नहीं रूक सकी है। पूरनपुर, अमरिया के बाद अब बिलसंडा में पराली जलाई गई। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस गांव ताजपुर में पहुंची और जानकारी जुटाई। किसानों को अफसर-कर्मचारी जागरूक कर रहे हैं, मगर घटनाएं भी सामने आ रही है।किसान नेताओं ने किसानों पर की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाए। कहा कि एफआईआर के साथ-साथ फसल का वाजिब दाम दिलाना भी प्रशासन की ही जिम्मेदारी है। उस पर गंभीरता दिखाएं।

पराली जलाने पर प्रतिबंध काे शासन ने सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए है। इसे लेकर जागरूकता के भी कदम उठाए जा रहे हैं। कार्रवाई भी की जा रही है।मगर, गांवों में इसका कोई खास असर अभी नहीं पड़ रहा। एक िदन पूर्व पूरनपुर में किसानों ने धान का वाजिब दाम न मिलने पर खेतों में पराली जला दी थी।

माधोटांडा में भी इसी तरह से घटना सामने आई थी। अमरिया में भी कई खेतों में पराली जल चुकी है। इसके अलावा गांव चिंतापुर में भी एक सप्ताह पूर्व पराली जली थी। किसान लाल सिंह पर लेखपाल ने रिपोर्ट भी दर्ज करा दी थी। मगर, अभी भी घटना सामने आ रही है। शनिवार की शाम को गांव ताजपुर में एक किसान ने खेतों में पड़ी पराली को आग के सुपुर्द कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर टीमें छानबन में जुट गई।

उधर किसान नेता भी किसानों पर एफआईआर का विरोध कर रहे हैं। किसान मजदूर संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष अंग्रेज सिंह का कहना है कि पराली जलाने के लिए सरकार जिस तरह से सख्ती बरत रही है। उसी तरह से किसानों के धान की बिक्री कराने के लिए आढ़ती और मिलों पर क्यों नहीं दबाव बना रही है। मिलर्स औने पौने दाम पर धान की खरीद कर रहे हैं। धान का दाम नहीं मिल पा रहा। किसान खुलेआम लुट रहा, मगर, कोई ध्यान नहीं दे रहा।

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