पीलीभीत: पुराने वाहनों को बेचने के लिए सीएससी से मिलेगी एनओसी
पीलीभीत, अमृत विचार। कोरोना काल में सेकेंड हैंड वाहनों की खरीद-बिक्री खूब हो रही है। ऐसे में ग्रामीण और दूर दराज के इलाके में तो पता भी नहीं चलता और लोग ठगे जाते हैं। अब गांव में ही पता चल जाएगा कि यह वाहन सही मालिक बेच रहा है या कोई और। इसके लिए नेशनल …
पीलीभीत, अमृत विचार। कोरोना काल में सेकेंड हैंड वाहनों की खरीद-बिक्री खूब हो रही है। ऐसे में ग्रामीण और दूर दराज के इलाके में तो पता भी नहीं चलता और लोग ठगे जाते हैं। अब गांव में ही पता चल जाएगा कि यह वाहन सही मालिक बेच रहा है या कोई और। इसके लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) में करार हुआ है।
जिले में सीएससी के 15 केंद्रों के माध्यम से सेकेंड हैंड गाड़ी खरीदने वालों को उस वाहन के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। वाहन खरीदने के लिए एनसीआरबी से एनओसी ली जाएगी। जिला प्रबंधक शुभम सिद्धार्थ ने बताया कि एनसीआरबी ने सीएससी से करार किया है, क्योंकि इसकी पहुंच देश के गांव-गांव तक है। नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) एक राज्य से दूसरे राज्य में किसी वाहन के द्वारा पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय आरटीओ से जारी एक कानूनी दस्तावेज है।
पते के परिवर्तन और पुन: पंजीकरण के लिए आवेदन के लिए स्थानीय एआरटीओ से एक एनओसी की आवश्यकता होती है, जहां आपने अपना वाहन पंजीकृत कराया है। उन्होंने बताया कि इस सुविधा से नागरिकों को निकटतम सीएससी से एनओसी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सीएससी इस सुविधा के बारे में लोगों के बीच जागरूकता भी पैदा करेगा।
एनओसी क्या है?
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) एक राज्य से दूसरे राज्य में किसी वाहन के दोबारा पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय आरटीओ से जारी एक कानूनी दस्तावेज है। पते के परिवर्तन और पुनः पंजीकरण के लिए आवेदन के लिए स्थानीय आर.टी.ओ से एक एनओसी की आवश्यकता होती है, जहां आपको अपना वाहन पंजीकृत कराया गया है।