जानिए क्या है साहित्यिक चोरी औैर इससे कैसे बचें?

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चंडीगढ़। साहित्यिक चोरी क्या है औैर इससे कैसे बचना चाहिए, विषय पर एक वेबिनार का आयोजन शोधार्थियों व छात्रों के लिए आज यहां किया गया। वेबिनार का आयोजन पंजाब विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलॉजी एंड वोकेशनल डेवलपमेंट (यूआईएफटीवीडी) में किया गया जिसका उद्देश्य छात्रों व शोधार्थियों को अनुसंधान व अकादमिक लेखन में नैतिक …

चंडीगढ़। साहित्यिक चोरी क्या है औैर इससे कैसे बचना चाहिए, विषय पर एक वेबिनार का आयोजन शोधार्थियों व छात्रों के लिए आज यहां किया गया। वेबिनार का आयोजन पंजाब विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नॉलॉजी एंड वोकेशनल डेवलपमेंट (यूआईएफटीवीडी) में किया गया जिसका उद्देश्य छात्रों व शोधार्थियों को अनुसंधान व अकादमिक लेखन में नैतिक चिंताओं से परिचित कराना था।

पंजाब विश्वविद्यालय के यहां जारी बयान के अनुसार वेबिनार में यूआईएफटीवीडी प्रमुख डॉ. अनू एच गुप्ता ने जोर देकर कहा कि सामग्री प्रदाताओं, ब्लॉगरों, अनुसंधानकर्ताओं और छात्रों को समझना चाहिए कि साहित्यिक चोरी और मूल कार्य व लेखक को श्रेय देने का महत्व क्या है।

पंजाब विश्वविद्यालय के डेपुटी लाइब्रेरियन डॉ. नीरज कुमार सिंह ने विस्तार से बताया कि साहित्यिक चोरी क्या है और किसी भी लेखक के लिए यह समझना क्यों महत्वपूर्ण है। उन्होंने विस्तार से यह भी बताया कि शोध कार्यों, शोध पत्रों को लिखते समय कैसे साहित्यिक चोरी से बचा जा सकता है। उन्होंने साहित्यिक चोरी से बचने के लिए टेक्स्ट मैचिंग औैर एंटी प्लाजियारिज्म सॉफ्टवेयर यूआरकेयूएनडी और टीयूआरएनआईटीआईएन के बारे में बताया और यह भी कि इन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।

उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि किसी स्रोत को कैसे सही तरीके से दर्शाया जा सकता है। वेबिनार में 75 से ज्यादा छात्रों, अध्यापकों ने हिस्सा लिया और मुद्दे पर आपसी संवाद किया।

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