रामपुर: लालपुर से मदारपुर तक बनेंगे भूमिगत डायक वॉल, अविरल बहेगी कोसी की धारा
रामपुर, अमृत विचार। कोसी नदी बचाने के लिए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। रेडिको खेतान और आर्ट आफ लिविंग संस्था की ओर से छह महीने के भीतर कोसी नदी की धारा को अविरल बहाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए बेंगलुरु से विशेषज्ञों का दल पहुंच गया है। लालपुर से मदारपुर …
रामपुर, अमृत विचार। कोसी नदी बचाने के लिए प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। रेडिको खेतान और आर्ट आफ लिविंग संस्था की ओर से छह महीने के भीतर कोसी नदी की धारा को अविरल बहाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए बेंगलुरु से विशेषज्ञों का दल पहुंच गया है। लालपुर से मदारपुर तक कोसी नदी में छह भूमिगत डायक वॉल बनाए जाएंगे। इसके लिए मनरेगा से करीब 25 करोड़ रुपये का बजट खर्च किया जाएगा।
रेडिको खेतान के डायरेक्टर केपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत आर्ट ऑफ लिविंग की टेक्निकल टीम ने रामपुर में कोसी नदी का सर्वेक्षण किया जिसका कार्य अगस्त में पूर्ण हो गया था, उसके बाद समस्त टेक्निकल डाटा आर्ट ऑफ लिविंग के बेंगलुरु स्थित टेक्निकल लैब में जाकर विश्लेषण किया गया।
कोसी नदी एवं उसके आसपास के क्षेत्र की वास्तविक स्थिति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत की गयी। अब लालपुर से लेकर कोसी नदी के अंतिम छोर जहां वह रामगंगा में मिलती है मदारपुर तक प्रथम चरण में छह स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल के निर्माण के लिए प्रस्ताव किया। प्रस्तावित भूमिगत डायक वॉल का डिज़ाइन एवं तकनीक डाटा भी रिपोर्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
आर्ट ऑफ़ लिविंग के वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तावित छह स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल बनाने के कार्य में लगभग 5 से 6 महीने लगेंगे। आर्ट ऑफ लिविंग की कार्य योजना के अनुसार सबसे पहले भूमिगत डायक वॉल का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक भूमिगत डायक वॉल के दोनों और वाटर रिचार्जिंग वेल का निर्माण किया जाएगा।
प्रेसवार्ता में रेडिको खेतान की ओर से डायरेक्टर केपी सिंह, उपाध्यक्ष विकास सक्सेना, वरिष्ठ प्रबंधक इंद्रपाल सिंह, आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से सीईओ प्रोजेक्ट दिग्विजय खरोटे, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रविंद्र देसाई, टेक्निकल एक्सपर्ट मनरेगा नागराज, तकनीक विशेषज्ञ भूगर्भ विज्ञान पृथ्वी जयसूर्या, प्रोजेक्ट ऑपरेशन सनत एवं स्थाई प्रोजेक्ट कोऑर्डनेटर आदित्य नाथ चौबे आदि उपस्थित रहे।
क्या है भूमिगत डायक वॉल
भूमिगत डायक वॉल के बारे में आर्ट आफ लिविंग प्रोजेक्ट के सीईओ दिग्विजय खरोटे ने बताया कि यह भूमिगत डायक वॉल जमीन की सतह के नीचे बहने वाले पानी के स्रोत, जो रेत और मिट्टी के माध्यम से बहते हैं, उसके बहाव को रोकने का कार्य करेगी। भूमि की सतह के नीचे बहने वाले पानी को भूमिगत डायक वॉल पर रोक लिया जाएगा, जिसके फलस्वरूप भूमिगत डायक वॉल के दोनों ओर 3 से 4 किलोमीटर तक भूगर्भ जल का स्तर सामान्य होने में मदद मिलेगी।
आर्ट ऑफ लिविंग ने इस कार्य योजना में भूमिगत डायक वॉल बनाने के बाद इसके प्रभाव को जानने के लिए भी कार्य योजना बनाई है, जिसके अंतर्गत समस्त छः स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल बनने के बाद उसकी इंपैक्ट स्टडी करना प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत पूरे क्षेत्र में भूगर्भ जल स्तर की तुलना आज के भूगर्भ जल स्तर से की जाएगी जिससे ज्ञात होगा कि भूमिगत डायक वॉल बनने से कितने क्षेत्र में कितना लाभ मिला है। प्रथम चरण के छः स्थानों पर भूमिगत डायक वॉल से हुए लाभ का आंकलन करने के बाद रामपुर के चमरौआ, शाहबाद एवं सैदनगर ब्लॉक में आगे की योजना प्रस्तावित की जाएगी।
