सत्य व असत्य की परिभाषा समय के हिसाब से परिवर्तित हो जाती है : डॉ. राम कृपाल
हरदोई। धर्म की रक्षा के लिए बोला गया झूठ भी असत्य की श्रेणी में नहीं आता है। सत्य व असत्य शब्द की परिभाषा समय-समय पर परिवर्तित हो जाती है। यह बात आचार्य डॉ. रामकृपाल शास्त्री ने जेके पब्लिक स्कूल में चल रही भागवत कथा के दौरान गुरुवार को कही। नगर के जेके पब्लिक स्कूल में …
हरदोई। धर्म की रक्षा के लिए बोला गया झूठ भी असत्य की श्रेणी में नहीं आता है। सत्य व असत्य शब्द की परिभाषा समय-समय पर परिवर्तित हो जाती है। यह बात आचार्य डॉ. रामकृपाल शास्त्री ने जेके पब्लिक स्कूल में चल रही भागवत कथा के दौरान गुरुवार को कही। नगर के जेके पब्लिक स्कूल में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन अपने उद्गार व्यक्त करते हुए वृंदावन से आए कथा मर्मज्ञ डॉ. राम कृपाल ने कहा कि सत्य व असत्य की परिभाषा समय-समय पर बदल जाती है।
धर्म की रक्षा के लिए गए बोला गया झूठ भी असत्य की श्रेणी में नहीं आता है।उन्होंने कहा कि इंसान को वह कार्य करना चाहिए जिससे किसी का हित हो किसी के हित के लिए अगर झूठ भी बोलना पड़े तो वह पाप नहीं होता है। कथा के तीसरे दिन आचार्य ने शिव बारात का सुंदर वर्णन किया उन्होंने कहा कि जिसने शिव की आराधना कर ली उसके लिए अन्य किसी की आराधना करने की आवश्यकता नहीं है। कथा मर्मज्ञ ने समुद्र मंथन की कथा का विस्तृत वर्णन किया ।अपनी सुमधुर वाणी से वाबन अवतार की लीला का उन्होंने जीवंत प्रदर्शन किया।
वृंदावन से आए आचार्य ने राजा बलि के द्वारा किए गए दान की संपूर्ण का कथा विस्तार से बताई।कथा मर्मज्ञ रामकृपाल ने कहा कि व्यक्ति को आवश्यकता से अधिक संचय नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपनी कमाई के पांच हिस्से करने चाहिए। पहला हिस्सा धर्म का दूसरा यश का, तीसरा पूंजी बनाना चाहिए, चौथे हिस्से को मनुष्य अपने सुख संसाधनों पर खर्च कर सकता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि अपने सगे संबंधियों व अन्य लोगों के लिए भी व्यक्ति को धन अवश्य एकत्र करना चाहिए। आचार्य ने कहा कि जो व्यक्ति धन को पांच हिस्सों में व्यवस्थित करता है वह कभी दुखी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को अपना कार्य लक्ष्य निर्धारित कर के ही आगे बढ़ना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित किए बिना किया गया प्रयास असफल होता है । फल की इच्छा के बिना किया गया कर्म असफल साबित होता है।
कथा के तीसरे दिन कथा मर्मज्ञ ने भागवत कथा व रामचरितमानस के कई अनछुए पहलुओं से भी भक्तों को परिचित कराया। कथा के दौरान कथा संयोजक राजीव मोहन अवस्थी, अविनाश मिश्रा, अखिलेश बाजपेई सहित तमाम गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। बताते चलें नगर के आवास विकास स्थित जेके पब्लिक स्कूल में 15 से 22 नवंबर तक कथा का आयोजन किया गया है। 22 नवंबर को विशाल भंडारे के साथ कथा का समापन किया जाएगा।
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