चुनावी मोड में आया लखनऊ विकास प्राधिकरण, अवैध निर्माणों पर कार्रवाई ठप

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लखनऊ। सरकार के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण भी चुनावी मोड में आ गया है। शहर में हो रहे अवैध निर्माणों पर प्राधिकरण के अभियंताओं ने कार्रवाई ठप कर दी है। सातों प्रवर्तन जोनों के अभियंता पुलिस फोर्स ना मिलने का बहाना बनाकर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई से बच रहे हैं। जानकारों का कहना है …

लखनऊ। सरकार के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण भी चुनावी मोड में आ गया है। शहर में हो रहे अवैध निर्माणों पर प्राधिकरण के अभियंताओं ने कार्रवाई ठप कर दी है। सातों प्रवर्तन जोनों के अभियंता पुलिस फोर्स ना मिलने का बहाना बनाकर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई से बच रहे हैं। जानकारों का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए अघोषित तौर पर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई न करने का निर्णय लिया गया है। जिससे सरकार की बिगड़ती छवि को और नुकसान ना हो।

एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी की सख्ती के बाद प्राधिकरण ने शहर में अवैध निर्माणों एवं कालोनियों के विरूद्ध जोरदार अभियान शुरू किया था। प्राधिकरण के सातों जोनों से अवैध निर्माणों की सूची मांगी गयी थी। इसके अलावा हर 15 दिनों पर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की उपाध्यक्ष खुद समीक्षा कर रहे थे।

सूत्रों के अनुसार शहर में अवैध निर्माणों पर प्राधिकरण की कार्रवाई रोकने के लिए उपर से सिफारिश भी आ रही है। जिसके बाद प्राधिकरण के सामने यह समस्या है कि किसका निर्माण तोड़ें और किसका छोड़ें। बड़ों का ​अवैध निर्माण छोड़कर आम जनता का अवैध निर्माण तोड़ने से गलत संदेश जाएगा, जिससे सरकार की छवि खराब हो सकती है। ऐसे में प्राधिकरण के अभियंताओं ने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई रोक दी है।

प्रतिनियुक्ति पर केवल आठ पुलिसकर्मी हैं तैनात

लखनऊ विकास प्राधिकरण में पुलिस विभाग से प्रतिनियुक्ति पर 22 पुलिसकर्मियों के पद स्वीकृत हैं। लेकिन वर्तमान में यहां मात्र आठ पुलिसकर्मी ही तैनात हैं। इनका कार्य प्राधिकरण के सात प्रवर्तन इकाइयों का सहयोग करना है। खास बात यह है कि यहां एक भी इंस्पेक्टर तक नहीं है। केवल एक एसआई, दो कांस्टेबल, तीन महिला और दो पुरूष पुलिसकर्मी तैनात हैं। प्रवर्तन इकाइयों के स्टाफ को सुरक्षा उपलब्ध कराना तो दूर इनका कार्य केवल संबंधित थाना क्षेत्र से फोर्स उपलब्ध कराने तक सीमित है।

जिला पंचायत भी डाल रहा अडंगा

प्राधिकरण की सीमा का विस्तार होने के बाद भी जिला पंचायत प्रवर्तन कार्रवाई में अड़ंगा डाल रहा है। चिनहट से आगे फैजाबाद रोड, देवां रोड, कुर्सी रोड, कानपुर रोड आदि क्षेत्रों में अवैध निर्माणों पर प्रवर्तन के अभियंता नोटिस तो दे रहे हैं। लेकिन जिला पंचायत की ओर से उन्हें जवाब भेजा जा रहा है कि यह हमारा क्षेत्र है। जहां नक्शा पास करने का अधिकार हमारा है। जिसके बाद अभियंता बैकफुट पर आ गए हैं और कार्रवाई से बच रहे हैं।

अवैध निर्माणों पर कार्रवाई बंद नहीं की गयी है। प्रधानमंत्री के आगमन के चलते पुलिस फोर्स नहीं मिल पा रही थी। विस्तारित क्षेत्र में जिला पंचायत के विरोध का कोई औचित्य नहीं है। प्रवर्तन के अभियंताओं को यहां भी कार्रवाई का पूरा अधिकार है…पवन ​कुमार गंगवार सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण।

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