हिंद महासागर में दिखीं चीनी नौकाएं, अवैध रूप से पकड़ रहे थे टूना मछलियां

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मियामी, अमेरिका। चीनी पोतों को हिंद महासागर में अपनी अनियमित गतिविधियां बढ़ाते हुए टूना मछलियों को अवैध रूप से पकड़ने के लिए बड़े जालों का इस्तेमाल करते पाया गया है। नॉर्वे के एक निगरानी समूह की नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इस रिपोर्ट में समुद्रों में मरीन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय …

मियामी, अमेरिका। चीनी पोतों को हिंद महासागर में अपनी अनियमित गतिविधियां बढ़ाते हुए टूना मछलियों को अवैध रूप से पकड़ने के लिए बड़े जालों का इस्तेमाल करते पाया गया है। नॉर्वे के एक निगरानी समूह की नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इस रिपोर्ट में समुद्रों में मरीन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के अभाव को रेखांकित किया गया है।

‘ट्रिग मैट ट्रैकिंग’ (टीएमटी) द्वारा बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट में पाया गया कि हिंद महासागर में मछलियां पकड़ने वाले पोतों की संख्या 2016 के बाद से छह गुना बढ़ गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ओमान और यमन के तट के निकट देखे गए पोतों में अधिकतर पर चीनी झंडा लगा हुआ है।

मछलियां पकड़ने वाली चीन की पोतों का विदेशी बेड़ा दुनिया में सबसे बड़ा है और चीन दुनिया भर में अवैध, बिना सूचना दिए और अनियमित तरीके से मछलियां पकड़ने के आरोपों से घिरा हुआ है। टीएमटी ने मछलियां पकड़ने के सभी पोतों को बड़े जालों के साथ पाया, जिनका इस्तेमाल मछलियां पकड़ने के अन्य माध्यमों से अधिक हानिकारक माना जाता है, क्योंकि इससे वे प्रजातियां भी जाल में फंस जाती है, जिन्हें पकड़ने का लक्ष्य नहीं होता है।

ड्रोन के जरिए पोतों के जालों में फंसी अन्य मछलियों के बीच टूना मछलियों को भी देखा गया। इस मौसम में इलाके में पाए गए 341 पोतों में से किसी ने भी अंततराष्ट्रीय जल में मछलियां पकड़ने की गतिविधि को नियमित करने वाले हिंद टूना आयोग या आईओटीसी से टूना पकड़ने की अनुमति नहीं ली थी।

टीएमटी ने कहा कि क्षेत्र में सक्रिय पांच पोतों को बाद में 30 मीट्रिक टन स्किपजैक और येलोफिन टूना के साथ पाकिस्तान स्थित एक बंदरगाह पर बुलाया गया। आईओटीसी वर्षों से इन टूना मछलियों को बड़ी संख्या में पकड़े जाने की गतिविधियों के बाद उनकी संख्या फिर से बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

टीएमटी ने जिन चीनी पोतों का जिक्र किया है, उनमें से कुछ का दुनिया के अन्य हिस्सों में भी अवैध गतिविधियां करने का इतिहास रहा है और उन्हें ओमान एवं यमन की सीमाओं के करीब जाते देखा गया, जहां उन्हें मछली पकड़ने की अनुमति नहीं थी।

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