सीतापुर: दरवाजा रखने के विवाद में हुआ खूनी संघर्ष, किशोरी की मौत, 13 अन्य घायल
सीतापुर। मछरेहटा इलाके में दरवाजा रखने को लेकर दो पक्षों में चल रहे विवाद ने बुधवार की रात खूंनी संघर्ष का रूप ले लिया। दोनों पक्षों में लाठियां, ईंट-गुम्मे चलने से जख्मी एक किशोरी की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस खूनी संघर्ष में दोनों पक्षों के 14 लोग घायल हुए हैं। किशोरी की …
सीतापुर। मछरेहटा इलाके में दरवाजा रखने को लेकर दो पक्षों में चल रहे विवाद ने बुधवार की रात खूंनी संघर्ष का रूप ले लिया। दोनों पक्षों में लाठियां, ईंट-गुम्मे चलने से जख्मी एक किशोरी की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस खूनी संघर्ष में दोनों पक्षों के 14 लोग घायल हुए हैं। किशोरी की मौत के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस खूनी संघर्ष के पीछे पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है। इस विवाद को लेकर दोनों पक्ष कई बार पुलिस के सामने पेश हुए, लेकिन पुलिस ने इस मामले को सुलझाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके नतीजे में खूनी संघर्ष हुआ। एक किशोरी की जान चली गई और 13 अन्य लोग जख्मी हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस मामले में एक पक्ष से मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दूसरी ओर से तहरीर नहीं आई है।
मछरेहटा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर फतहनगर गांव निवासी बराती व सत्रोेहन के बीच काफी समय से दरवाजा रखने को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद को लेकर कई बार दोनों पक्ष आमने-सामने आ चुके थे। मामला थाने से लेकर तहसील तक पहुंचा। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ थाने व तहसील में कई शिकायतें की। ग्रामीणों के मुताबिक बराती अपना दरवाजा खड़ंजे की ओर रखने रखना चाहता है। इसको लेकर उसने थाने से तहसील दिवस तक कई प्रार्थना पत्र दिए, वहीं सत्रोहन ने न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया।
कई बार यह दोनों पक्ष थाने पर मछरेहटा इस्पेक्टर के सामने पेश हुए, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस की घोर लापरवाही की वहज से यह मामला और गहराता चला गया। ग्रामीणों के मुताबिक बुधवार की रात लगभग साढ़े आठ बजे बाराती अपना दरवाजा खड़ंजे की ओर रखने लगा। यह देखकर सत्रोहन पक्ष ने विरोध किया। बात बढ़ी तो दोनों ओर से लोग एकत्र हो गए। जिसके बाद दोनों पक्षों में बात और बिगड़ गई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के साथ गाली गलौज शुरू किया। कुछ देर बाद ही दोनों ओर से लाठियां, ईंट-पत्थर चलने लगे। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हमला करते हुए फौजदारी शुरू कर दी। इस हमले में बराती पक्ष से उसकी पत्नी फूलवती, सुखरानी, बुजुर्ग रामलाल, परशुराम, बराती, उदय और कमलेश घायल हुए।
दूसरे पक्ष से मधुरानी, सिरदार, आरती, प्रियंका व पंद्रह वर्षीय काजल आदि घायल हो गए। दोनों ओर से करीब 14 लोग जख्मी हुए। घटना के बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। साथ ही घायलों को सीएचसी पहुंचाया। इन गंभीर रूप से घायल काजल को चिकित्सकों ने लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था। जहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई। मछरेहटा इंस्पेक्टर मुकेश वर्मा ने बताया कि दोनों पक्षों में मारपीट हुआ है। एक पक्ष से जख्मी किशोरी की मौत हो गई है। उस पक्ष की ओर से तहरीर मिली थी। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दूसरे पक्ष से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर आएगी तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की यह रही लापरवाही
सूत्रों का दावा है कि यदि मछरेहटा पुलिस इस मामले में दिलचस्पी दिखाती तो शायद यह मामला कब का निपट गया होता। कहा जा रहा है कि यह मामला करीब डेढ़ माह से चल रहा था। मछरेहटा थाना इंस्पेक्टर मुकेश वर्मा इस विवाद को संज्ञान में लेकर यदि चाहते तो निपट गया होता, लेकिन पुलिस ने इसमें खूब टाल मटोल की। जिसके नतीजें में यह घटना घटित हो गई। सूत्र बताते हैं कि यह मामला स्वयं मछरेहटा इंस्पेक्टर देख रहे थे। उन्होंने जांच पड़ताल भी की थी। उन्होंने वादा भी किया था, लेकिन मामले को शांत नहीं करा पाए। स्थानीय पुलिस की घोर लापरवाही के चलते आज काजल की जान चली गई।
खिसियानी बिल्ली तरह टूट पड़ी पुलिस
मछरेहटा इलाके में इस घटना को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस पर इल्जाम लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले से तो पुलिस इस मामले को निपटाने में लापरवाही बरतती रही, लेकिन जब बुधवार की रात यह घटना हुई तो पुलिस ने खिसियानी बिल्ली की तरह बेगुनाहों के घरों पर अपना गुस्सा उतारा। घटना के बाद रात करीब एक बजे पुलिस गांव पहुंची। सूत्रों का कहना है कि गांव पहुंच कर पुलिस ने कई ऐसे लोगों के घरों को दरवाजे तोड़ दिए, जिनका इस घटना से कोई वास्ता नहीं था और लोग जिले से बाहर मजदूरी करने गए हैं।
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