रामपुर : आजम के जौहर ट्रस्ट को नोटबंदी के साल मिला सर्वाधिक 2222.50 लाख का दान, ईडी खंगाल रही दस्तावेज

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रामपुर,अमृत विचार। सपा सांसद आजम खां पर जहां एक ओर तमाम केसों में अदालत में सुनवाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसा हुआ है। जानकारी में आया है कि जौहर ट्रस्ट को जब-जब प्रदेश में सपा की सरकारें रहीं तब-तब करोड़ों रुपये का दान मिला। यहां तक की नोटबंदी …

रामपुर,अमृत विचार। सपा सांसद आजम खां पर जहां एक ओर तमाम केसों में अदालत में सुनवाई चल रही है, वहीं दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसा हुआ है। जानकारी में आया है कि जौहर ट्रस्ट को जब-जब प्रदेश में सपा की सरकारें रहीं तब-तब करोड़ों रुपये का दान मिला। यहां तक की नोटबंदी के दौरान जहां एक ओर अर्थव्यवस्था बिगड़ गई थी, इसी वित्तीय वर्ष 2015-16 में जौहर ट्रस्ट के लिए सर्वाधिक 2222.50 लाख रुपये का दान मिला था।

भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत की थी कि सपा सरकार के रहते आजम खां ने जबरन वसूली और भ्रष्टाचार से पैसा कमाया है। ईडी इस मामले में प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करके आजम खां से सीतापुर जेल में कई बार पूछताछ भी कर चुकी है।

सपा के कद्दावर नेता आजम खां पर आरोप है कि उन्होंने बड़े पैमाने पर कर तीन हजार करोड़ रुपये जुटाए थे। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि आजम खां ने अवैध रूप से धन उगाहने और धन की हेराफेरी की थी। इन शिकायतों के आधार पर ही आजम पर प्रवर्तन निदेशालय ने एक अगस्त 2019 को उक्त मामला दर्ज किया था। न्यायालय के आदेश पर ईडी की टीम आजम खां से सीतापुर जेल में कई बार कई कई घंटे पूछताछ कर चुकी है। जांच के बाद कई तथ्य सामने आए हैं। पता चला है कि जब जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकारें रहीं तब-तब मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को सबसे ज्यादा दान मिला।

यहां तक की सपा सरकार के दौरान ही 2015-16 में नोटबंदी के साल तो रिकार्ड 2222.50 लाख रुपये का दान मिला था। भाजपा नेता आकाश सक्सेना का आरोप है कि दान की इतनी बड़ी राशि सपा सरकार के दौरान अ‍वैध स्रोतों से जबरन वसूली और भ्रष्टाचार से पैसा कमाया। ट्रस्ट की खातों में सभी अवैध रूप से अर्जित चल और अचल संपत्ति को एक में दर्ज किया। इससे कर चोरी की गई। ईडी के पास ऐसे तमाम तथ्य जुटाकर सौंपे गए हैं। इन तथ्यों और दान देने वालों की सूची भी उपलब्ध कराई गई है। इससे दान देने वालों पर भी ईडी का शिकंजा कस सकता है।

ट्रस्ट पर यह हैं आरोप
-काले धन की शेष राशि को बहीखातों में से निवेश किया गया था ताकि अधिकारियों द्वारा देखी गई दान राशि के अत्याधिक खुलासे से बचा जा सके।
-खातों और अभिलेखों की किताबों में दान रसीद के रूप में अवैध धन दिखा कर संपत्ति की पहले से ही कम मूल्य वाली कीमतों से मेल खाने की साजिश।
-आय और दान के माध्यम से प्रबंधित दान की कर योग्यता से बचा गया।
– रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम पर जमीन के अवैध अधिग्रहण।

परिवार के सदस्यों का है जौहर ट्रस्ट
आरोप है कि आजम खान ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट नाम से एक ट्रस्ट बनाया था। जिसमें उनके परिवार के सदस्य और एक ट्रस्टी हैं। ट्रस्ट जौहर यूनिवर्सिटी और रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम पर जमीन हड़पने और जमीन के अवैध अधिग्रहण में शामिल रहा है। ट्रस्ट के पास फर्नीचर, उपकरण, भवन, गेस्ट हाउस, आवासीय ब्लॉक, सड़कें, मस्जिद और अन्य इतनी सारी संपत्तियां हैं। जो लोगों से जबरन धमका कर ली गई हैं।

सत्ता के दुरुपयोग का है आरोप
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था कि अवैध रूप से अर्जित अचल और चल संपत्तियों को कवर करने के लिए और रिकॉर्ड में दिखाई गई संपत्ति बहुत अधिक मूल्य दिखाकर स्पष्ट रूप से आजम खां ने सत्ता का दुरुपयोग किया था। इसे हवाला रसीदों और राष्ट्र विरोधी संगठनों से प्राप्त होने वाले काले धन को परिवर्तित करने का मामला बताया था। इसे अवैध रूप से खातों में लाने के तौर-तरीके अपनाए थे। ऐसे लोगों की सूची भी ईडी को सौंपी गई है जिसमें दान दाताओं के बड़ी संख्या में नाम हैं। इनमें रामपुर और मुरादाबाद के अलावा देश और विदेश के लोग भी शामिल हैं।

भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने बताया कि आजम खां ने सपा सरकारों के दौरान पद का दुरुपयोग करके जौहर ट्रस्ट के लिए करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। इस मामले में तमाम साक्ष्य प्रवर्तन निदेशालय को उपलब्ध कराए गए हैं। सपा शासन के दौरान मिले दान की राशि और विपक्ष में रहने के दौरान की राशि के तुलनात्मक आंकड़े मय साक्ष्य दिए गए हैं। साथ ही दानदाताओं की सूची भी दी हैं। कालेधन को परिवर्तित करने की कोशिश भी उन्होंने की। जांच में सब सामने आ जाएगा।

 

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