रायबरेली: पति अंगद का टिकट काटकर कांग्रेस ने अदिति को दिया झटका, जानें पूरा मामला…
रायबरेली। कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाली पूर्व सदर विधायक अदिति सिंह के पति और कांग्रेस नेता अंगद सिंह को कांग्रेस ने नजरअंदाज कर दिया है। नवांशहर से मौजूदा विधायक अंगद सिंह सैनी का टिकट काट दिया है। असल में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा किसी भी सूरत पर अंगद सिंह को टिकट …
रायबरेली। कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामने वाली पूर्व सदर विधायक अदिति सिंह के पति और कांग्रेस नेता अंगद सिंह को कांग्रेस ने नजरअंदाज कर दिया है। नवांशहर से मौजूदा विधायक अंगद सिंह सैनी का टिकट काट दिया है।
असल में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा किसी भी सूरत पर अंगद सिंह को टिकट न देने की बात पर अड़ गईं थीं। कांग्रेस महासचिव ने अदिति के पति का टिकट काटकर रायबरेली की सदर सीट से अदिति सिंह को मतदान से पहले करारा झटका दिया है। अब सियासी हलकों में यह बात भी तेजी से उभर रही है कि सदर सीट से अदिति के खिलाफ कांग्रेस हाई प्रोफाइल प्रत्याशी उतार सकती है।
2017 के चुनाव में अदिति सिंह ने कांग्रेस के टिकट से सदर सीट जीती थी तो वहीं पंजाब के नवंशहर से उनके पति अंगद सिंह विधायक बने। 2019 सें अदिति सिंह और प्रियंका वाड्रा के बीच वाक युद्ध शुरू हो गया। अदिति का झुकाव भाजपा की तरफ हो गया और नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा के साथ हो गई वहीं भाजपा ने उन्हें सदर से टिकट भी दे दिया।
अदिति के भाजपा में जाते ही उनके पति अंगद सिंह की कांग्रेस में राह मुश्किल हो गई थी। हालांकि अंगद और उनके परिवार की निष्ठा कांग्रेस से कई दशक से रही थी लेकिन अदिति की बगावत को प्रियंका वाड्रा ने प्रतिष्ठा से लिया और नतीजा यह हुआ कि अंगद सिंह नवांशहर से टिकट मांगते रहे लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सहमति के बाद भी प्रियंका वाड्रा ने उनके टिकट को काटने का निर्णय ले रखा था। ऐसे में पार्टी ने नवांशहर से उनकी जगह सतबीर सिंह सैनी को टिकट दिया है।
विधायक अंगद सिंह की भी राजनीतिक पृष्टभूमि है। उनके पिता प्रकाश सिंह के चाचा दिलबाग सिंह 1962 में पहली बार नवांशहर से विधायक चुनने गए थे।1997 में दिलबाग सिंह के बेटे चरणजीत सिंह विधायक बने।
2002 में यह सीट प्रकाश सिंह के हाथ आई। 2012 में अंगद सिंह की माता गुरइकबाल कौर इस सीट से कांग्रेस विधायक बनीं और 2017 में कांग्रेस ने अंगद सिंह को इस सीट से उन्हें टिकट दिया और वह विधायक बने।
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